बलौदा बाजार

16 लाख क्विंटल धान केंद्रों में ही, बारदाने फट रहे, डीओ नहीं काटे
04-Mar-2024 3:29 PM
16 लाख क्विंटल धान केंद्रों में ही, बारदाने फट रहे, डीओ नहीं काटे

समितियों को सूखत, बारिश और पाखड़ की चिंता सता रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 4 मार्च। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को खत्म हुए माह बीतने जा रहा है,पर आज भी खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे 16 लाख क्विंटल धान जाम पड़ा है। जिससे धान में सूखत और खराब होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में खरीदी केंद्रों में खुले में पड़े धान का जब तक खरीदी केंद्रों से उठाव नहीं होगा। समिति को इसकी भुगतान का भरपाई करने की चिंता लगी रहेगी।

इधर, मौसम फिर बदलने की संभावना मौसम विभाग में जताई है। राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से 4 फरवरी तक किया, मतलब चार माह तक खरीदी की और खरीदी को खत्म हुए माह खत्म होने को है, ऐसे में कई खरीदी केंद्रों में धान जो उठाव नहीं हुआ है। उसे 5 माह से वहीं खुले में रखा गया रखा है जो पाखड़ होने पर मिल्स बहुत से खरीदी केंद्रों से धान को खराब होने का हवाला देकर समिति को वापस कर रहे हैं, जिससे समिति का पूरा-पूरा नुकसान है। इस साल जिले में करीब 87 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई थी।

कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने का इंतजार

वहीं खरीदी केंद्रों में रखे 16 लाख क्विंटल धान के लिए कस्टम मिलिंग के लिए डीओ इंतजार कर रही है। जबकि अधिकारी भी खरीदी केंद्रों से ही मिलरों को धान देने के फेर में धान का उठाव नहीं कर रहे हैं, ताकि शासन को दोहरा भार न पड़े। अगर खरीदी केंद्रों से उठाएं कर धान को संग्रहण केंद्र भेजा जाता है तो परिवहन का खर्च डबल हो जाएगा और कहीं धान का उठाव सीधे खरीदी केंद्रों  से कस्टम मिलिंग के लिए जाता है तो एक ही बार परिवहन का खर्च आएगा। यही वजह है कि धान खरीदी बंद होने के करीब एक माह एक बाद भी उठाव नहीं हुआ है।

खरीदी के 72 घंटे बाद उठाव का है नियम

वही धान खरीदी के कुछ दिन बाद ही उठाव की भी जिम्मेदारी है। पर प्रशासन परिवहन और उठाव को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आया। अक्सर धान उठाव समय में नहीं होता और इसका पूरा खामियाजा समिति को भुगतना पड़ता है। जिससे समिति को मिलने वाले कमीशन में धान के नुकसान का भरपाई कर पैसा काट लिया जाता है।

हर केंद्रों में 40 से 50 हजार कट्टा धान जमा

जिले के अधिकांश खरीदी केदो में 40 से 50 हजार कट्टा धान जाम पड़ हुआ है जो खुले आसमान के नीचे हैं। वैसे भी इस साल मौसम भी बार-बार परिवर्तन हो रहा है। और बीच-बीच में बारिश और आधी तूफान होने से खरीदी केदो में तिरपाल से ढके धान को पानी और हवा से बचना कठिन हो जाता है। जिससे धान के कुछ हिस्से का खराब होने का खतरा बन जाता है।

एक सप्ताह में डीओ जारी कर दिया जाएगा

वहीं इस संबंध में डीओ निधि शशांक दुबे का कहना है कि एक सप्ताह में कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी हो जाएगा। इसकी व्यवस्था में जुटे हुए हैं। वैसे अभी भी 6 लाख क्विंटल धान का डीओ जारी हुआ जिसके लिए खरीदी केंद्रों  में धान का उठाव हो रहा है।

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