कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 21 मार्च। जिला मुख्यालय कोण्डागांव के एनसीसी मैदान के बीती रात पारंपरिक आदिवासी नृत्य का आयोजन किया गया। यह योजना पारंपरिक मेला उत्सव के तहत तीसरी रात में किया जाता है।
पारंपरिक नृत्य में शामिल होने कोण्डागांव और नारायणपुर जिला के 25 दलों ने पंजीयन करवाया था। इस वर्ष खास बात रही कि, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्वीप कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन की जागरूकता लोक नृत्य दल ने भी प्रदर्शनी किया।
जिला मुख्यालय कोण्डागांव में लगभग 700 वर्ष से पारंपरिक वार्षिक मेला उत्सव आयोजित किया जाता है। इस मेला उत्सव के पहली रात निशा जतरा का आयोजन होता है, जिसके तहत मावली माता मंदिर के समक्ष गुप्त पूजा विधान किया जाता है। इसके बाद दूसरे दिन मंगलवार को देव मेला के तहत 22 पाली से आए देवी देवता मेला में भ्रमण कर मेला मढ़ई का शुभारंभ करते हैं। इसी कड़ी में तीसरी रात कोण्डागांव के एनसीसी मैदान में पारंपरिक आदिवासी लोक नृत्य का आयोजन किया जाता है, जिसमें कोण्डागांव जिला समेत नारायणपुर जिला के लगभग 25 आदिवासी लोक नृत्य दलों ने इस वर्ष भाग लिया।
लोक नृत्य के माध्यम से किया जाता है सभ्यता का बखान
पारंपरिक लोक नृत्य आयोजन के दौरान निर्णायक के रूप में मौजूद जनजातिय संस्कृति में पीएचडी करने वाली जयमती कश्यप ने बताया कि, आदिवासी लोक नृत्य के माध्यम से क्षेत्र के पहुंचे आदिवासी अपने परंपरा और जीवन के मुख्य पहलुओं को उल्लेखित करते हैं।
यह लोक नृत्य खरीब की फसल कट जाने के बाद क्षेत्र के ग्रामीण देवी देवताओं के समक्ष नृत्य करते हुए करते हैं। जिसमें सभ्यता व जीवन शैली की झलक शामिल होती है।