राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 मार्च। रविवार को पाम संडे के अवसर पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होंगी। लोकमान्यता है कि प्रभु यीशु ने खजूर के पेड़ के साथ इजराइल शहर में प्रवेश किया था। समाज के द्वारा इस दिन को खजूर रविवार के रूप में मनाया जाता है।
चर्चों में प्रभु यीशु के जीवनकाल में मानव कल्याण के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों को लेकर पास्टर और फादर विशेष व्याख्यान देते हैं। धर्मग्रंथ बाइबिल में लिखे अंशों को पढक़र समुदाय के लोगों को जानकारी दी जाती है, ताकि वह प्रभु यीशु के सिद्धांतों और विचारों के साथ जीवन में आगे बढ़े।
गौरतलब है कि ईसाई समाज इन दिनों प्रभु यीशु को सूली में चढ़ाने की घटना के गम में 40 दिनों का उपवास भी रख रहा है। समाज की महिलाएं और पुरूष उपवास रखकर प्रभु यीशु की स्तुति गान कर रहे हैं।
आगामी 29 मार्च को समाज चर्चों में गुड-फ्राईडे के अवसर पर प्रभु को नमन करेगा। वहीं 31 मार्च को प्रभु यीशु के पुन: जीवन मिलने की अलौकिक घटना की खुशी में ईस्टर पर्व मनाएगा।
चर्चों में अलग-अलग स्तर पर व्याख्यान और संदेश दिए जा रहे हैं। रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्मावलंबी प्रभु यीशु को मिली यातनाओं का अनुभव करने के लिए कठिन व्रत कर रहे हैं। कल पाम संडे पर चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं कर प्रभु यीशु को समाज याद करेगा।