कोण्डागांव
कोण्डागांव, 23 मार्च। इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस एंड रिसर्च नई दिल्ली द्वारा बस्तर की लोककलाओं, परंपराओं, लोकगीतों और शिल्प कलाओं पर रिसर्च करने के लिए छत्तीसगढ़ के दो प्रोफेसर्स और उनकी टीम को 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है।
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर की साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मधुलता बारा एवं प्रोजेक्ट को-कोऑर्डिनेटर के रूप में शासकीय गुण्डाधूर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोंडागांव के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. पुरोहित कुमार सोरी अपनी टीम के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। डॉ. पुरोहित कुमार सोरी ने बताया कि यह अध्ययन समकालीन परिप्रेक्ष्य में मडिया जनजाति की शिल्प कला और लोक परंपराओं की चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के मडिया जनजाति के लोकगीत, कला, लोक-परंपरा एवं शिल्पकला की जानकारी को एकत्र कर संरक्षित एवं संवर्धित किया जा सकेगा। साथ ही इससे उनकी शिल्पकला, लोकभाषा, विचारों इत्यादि को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी