बलौदा बाजार

सूरज ने अप्रैल की शुरुआत में ही दिखाए तेवर, स्कूल आते-जाते बच्चों का बुरा हाल
05-Apr-2024 8:05 PM
 सूरज ने अप्रैल की शुरुआत में ही दिखाए तेवर, स्कूल आते-जाते बच्चों का बुरा हाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 5 अप्रैल। सूरज ने इस बार अप्रैल की शुरुआत में ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। बलौदाबाजार में अधिकतम तापमान 40.41 डिग्री को छू रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है।

दरअसल डीपीआई ने बुधवार को आदेश जारी किया है कि जिस स्कूलों में दो पालियों में कक्षा लगती है, वहां प्राइमरी व मिडिल की क्लासेस सुबह 7 से 11 तक लगाई जाएगी। वहीं हाई व हाई सेकेंडरी कक्षाएं 11 से 3 बजे तक। बढ़ती गर्मी के बीच स्कूलों को बंद करने की मांग उठने लगी हैं। बलौदाबाजार के डीईओ हिमांशु भारती का कहना है कि डीपीआई  ने 4 अप्रैल से शालाओं का टाइम टेबल बदल दिया है। इसका जिले में पालन कराया जा रहा है। सभी निजी तथा शासकीय शालाएं इसी समय पर संचालित होगी।

मार्च में रिजल्ट आने के बाद 1 अप्रैल से सरकारी व निजी स्कूल फिर से खुल गए हैं। इस पूरे महीने पढ़ाई होगी। गर्मियों की छुट्टियां 1 मई से 14 जून तक रहेगी। फिलहाल स्कूल खुल तो चुके हैं। लेकिन सरकारी स्कूलों में गिनती के बच्चे ही पहुंच रहे हैं। निजी स्कूलों की बात करें तो पालक बच्चों को यहां भेजने के लिए मजबूर है। भारी भरकम फीस को चुका रहे हैं। बच्चे गर्मी से तो परेशान है ही वस्तुओं का बोझ ढोते-ढोते ही हालत खराब हो रही है। स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पडऩे की आशंका है।

शासन के नए टाइम टेबल के अनुसार प्राइमरी के बच्चों को स्कूल में सुबह 7 बजे से 11 बजे यानी 4 घंटे रहना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में स्कूल जाने वाले ग्रामीण इलाकों के बच्चे बेहद परेशान हैं। ग्रामीण इलाके के अधिकांश स्कूल ग्राउंड फ्लोर वाले हैं। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से भवनों की दीवार तप रही है, वहीं ग्रामीण इलाकों में विद्युत कटौती की वजह से भी बच्चों को पंखों की हवा तक नसीब नहीं हो रही है।

बच्चों का गर्मी से बुरा हाल

 महज 4 घंटे के लिए स्कूल जाने दूर दराज से आने वाले बच्चों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है। सीमेंट प्लांट के स्कूल शहर से 5 से 10 किलोमीटर दूर है। जहां हर दिन शहर के 200 से ज्यादा बच्चे पढऩे जाते हैं। मौजूदा स्थिति ऐसी है कि सुबह 8 बजे से ही गर्म हवाएं चलने लगती है 11 हजार रुपये तक स्कूल की छुट्टियां होने के बाद बच्चों को बलौदाबाजार पहुंचने 12 से 12.30 बज जाते हैं। तेज धूप और उमस के बीच बस में लौटते बच्चों का गर्मी से बुरा हाल हो रहा है। गुरुवार को सरकारी तथा निजी स्कूलों से दोपहर 11.30 से 12.30 बजे के बीच घर लौटने वाले बच्चों को देखा गया तो बच्चे भीषण गर्मी से बेहाल नजर आए।

पालक बोले घर आते तक बच्चे सुस्त

बच्चों का हाल देखकर पालक भी चिंता में हंै। कई पालकों ने बताया कि स्कूलों से लौट के बाद कुछ देर तक बच्चे एकदम सुस्त नजर आते हैं। बस्ता रखकर नीचे बिस्तर पर लेट जाते हैं। दोपहर 12.30 बजे लौटने वाले बच्चे का तो और बुरा हाल होता है। पालकों ने बताया कि गर्मी व तेज उमस से बच्चों को बचाने इस स्कार्फ गमछे लेकर जाते हैं। बस से उतरते ही गमछे में ढक कर घर जाते हैं। बच्चों को पानी की बोतल और ग्लूकोस मिलाकर दे रहे हैं, इसके बावजूद बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

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