बलौदा बाजार
तालाबों में पानी भरे जाने के पहल सफाई जरुरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 अप्रैल। नगर के सभी तालाबों में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के चलते जल स्तर शनै: शनै: कम हो जा रहा है। प्रत्येक वर्ष अप्रैल-मई में इन परिस्थितियों में छुईहा जलाशय नहर के माध्यम से इन तालाबों को भर जाता है। परंतु तालाब को भरे जाने के पूर्व इसमें पसरी गंदगी की सफाई नगर पालिका द्वारा कराए जाने आवश्यक प्रतीत होता है। यदि गंदगी से अटे पड़े तालाब में नहर का पानी छोड़ा जाता है तो निस्तार करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि नगर के प्रमुख निस्तार तालाब देवरहा रामसागर सोलहा पिपरहा है आदि में इस वर्ष जल की मात्रा अत्यधिक कम हो चुकी है। जिसके चलते तालाबों के किनारे पूर्णता सूख चुके हैं। इन सूखे हिस्सों में कतिपय नासमझ लोगों द्वारा गंदगी फेंका जा रहा है। जबकि कुछ लोग यहां शौच भी करते देखे जा रहे हैं। तालाबों को प्रदूषण से बचने के लिए नगर पालिका द्वारा व्यापक सफाई अभियान चलाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है।
पानी ओवरफ्लो के सभी रास्ते बंद
पूर्व में सभी तालाबों में व्यवस्था की थी बारिश का अपनी क्षमता से अधिक भार जाने की स्थिति में तालाब के मेड़ के डाल की ओर गेट के माध्यम से ओवरफ्लो का पानी आसपास के खेतों में छोड़ दिया जाता था किंतु वर्तमान में ऐसे सभी गेट कचरे व गंदगी भर जाने से पूर्णता बंद हो गए हैं। कुछ प्रमुख तालाबों में इन गेट के गेट से लगे भूमि पर भवन निर्माण कार्य कर लिया गया है। इस वजह से तालाब के पानी का ओवरफ्लो पूर्णता बंद हो चुका है और गंदगी के ढेर तालाबो में जमा रहने से पानी में प्रदूषण बढऩे के साथ ही रंग भी गहरा हरा हो गया है।
पिपराहा तालाब वर्तमान में जलकुंभी से अटा पड़ा हुआ है और पानी भी अत्यधिक दुर्गंध युक्त होता जा रहा है।
तालाब के पैठू में हो रही निस्तारी
नगर के प्रमुख पिपराहा व रामसागर तालाब में बहुत बड़ी आबादी निस्तारी का कार्य करती है। इन तालाबों से लगा हुआ पैठू भी स्थित है जिसमें से होकर पानी बारिश के दिनों में तालाबों में प्रवेश करता है। वर्तमान में तालाब के आसपास रहने वाले गैर जिम्मेदार लोग घरों के गंदे नाली व सेप्टिक टैंक की निकासी इन पैठूओं में करते हैं। जिसके चलते गंदगी युक्त पानी तालाबों में प्रवेश कर जाता है जो पहले से ही प्रदूषण तालाब के जल में प्रदूषण की मात्रा और अधिक बढ़ा देता है।
पूर्व के वर्षों में नगर पालिका राजस्व पुलिस हमले की संयुक्त टीम द्वारा कार्रवाई कर पैठू के आसपास स्थित अवैध कब्जों को हटाया गया था। कुछ वर्ष बाद पुन: गैर जिम्मेदार लोगों द्वारा इन स्थानों पर अवैध कब्जा कर घर के गंदे पानी के निकासी के अलावा कचरा भी पैठू में फेंका जा रहा है। रामसागर तालाब व पिपराहा तालाब का पैठू इसी वजह से अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है। नगर पालिका से तालाब के अलावा पैठू की सफाई की मांग नगर वासियों ने किया है।
पैठू प्रकृति छनन की भांति करता है कार्य
तालाबों से लगा पैठू प्राकृतिक खनन के रूप में कार्य करता था इन पैठूओ में आसपास के मोहल्लों एवं सडक़ों से बह कर आया बारिश का पानी एकत्र होता था। पैठू नालीनुमा संरचना के माध्यम से तालाबों से जुड़ा रहता था। जिसकी वजह से बारिश के पानी के साथ भारकर आया कचरा व गंदा पैठू में ही जाम रहता रह जाता था और छना हुआ पानी तालाबों में पहुंचता था। दुर्भाग्य जनक पहलू है कि अधिकांश तालाबों के पैठू साजिश के तहत पाट दिए गए हैं। इन तालाबों और पैठू के अस्तित्व को बचाने के लिए पालिका के सक्षम जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रबुद्ध जनों को पहला करना भी आवश्यक है।