रायगढ़
![कोल ब्लॉक के विरोध में ग्रामीण लामबंद, बैठकों का दौर कोल ब्लॉक के विरोध में ग्रामीण लामबंद, बैठकों का दौर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722156553202.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 28 जुलाई। जिले के खरसिया विधानसभा के बर्रा क्षेत्र में वेदांता को आबंटित कोल ब्लॉक के मामले में अंचल के ग्रामीणों ने अभी से विरोध का झंडा उठा लिया है। अंचल के ग्रामीण किसी भी कीमत पर अपनी जमीन देने राजी नहीं हैं और आसपास के आधे दर्जन गांव में बैठकों का दौर जारी है।
उल्लेखनीय रहे कि जिले में छोटे-बड़े सैकड़ों उद्योग स्थापित हैं। अब जिले के खरसिया विधानसभा के बर्रा कोल ब्लॉक का आबटंन वेदंाता एल्युमिनियम को किया गया है। ऐसे में कुर्रू सहित कई गांव के लोग इसका विरोध करने में जूट गए हैं। ग्रामीणों की माने तो इनका साफ कहना है कि वे अपनी जमीन नहीं देना चाहते। ऐसे में ग्रामीणों के बीच बैठकों का भी दौर चल रहा है। पूर्व में कुर्रू में ग्रामीणों के बीच मीटिंग हुई और बर्रा कोल ब्लॉक को लेकर कई तरह की चर्चांए की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी के कर्मचारी क्षेत्र में कोयला खनन सर्वे कर रहे हैं। बर्रा और कुर्रू नगोई के बीच मशीन लगाकर सर्वे किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बर्रा कोल ब्लॉक के कारण करीब सात गांव प्रभावित हो सकते हैं। इसमें बर्रा, जोबी, फरकानारा, कुर्रू, नगोई, मिनगांव व काफरमार शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक प्रभाव बर्रा और जोबी गांव को पड़ेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि वेदांता एल्युमिनियम के बर्रा कोल ब्लॉक को लेकर ग्रामीणों के बीच लगातार बैठके हो रही है। अब तक कुर्रू, फराकानारा, नगोई, मिनगांव, काफरमार में ग्रामीणों ने बैठक किया है और सभी बर्रा कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे हैं। प्रभावित होने वाले गांव के ग्रामीणों का कहना है कि इस कोल ब्लॉक में जंगल और ग्रामीणों की जमीन प्रभावित होगी। कई पेड़ भी काटे जा सकते हैं। जिस कारण ग्रामीणों का कहना है कि वे जमीन नहीं देना चाहते।
इस संबंध में खरसिया तहसीलदार शिव डनसेना से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि करीब सप्ताह भर पहले ग्रामीणों की बैठक हुई तो उन्हें बताया गया कि अभी सिर्फ सर्वे हो रहा है। इससे किसी का मकान नहीं टूटेगा। कोयला खदान की बात सूनकर ग्रामीण घबरा गए थे, लेकिन अब सहमत हैं।