राजनांदगांव
![शिवालयों में सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों का तांता शिवालयों में सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों का तांता](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722247374jn__8.jpg)
नदी से लौटते भक्तों ने लगाए बोल-बम के जयघोष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 जुलाई। सावन मास के दूसरे सोमवार को शिवालयों और मंदिरों में भक्तों का पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा, वहीं भक्तों ने सुबह से मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
अलसुबह से ही शिवभक्त कांवर में शिवनाथ नदी का जल लेकर शिवालयों की ओर रूख करते बोल-बम और हर-हर महादेव के जयघोष लगाते रहे।
इधर, मंदिरों में सुबह से ही महिलाएं, युवतियां व बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। भक्तों ने बेलपत्र, धतुरा, फूल समेत अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना की।
मोहारा स्थित शिवनाथ नदी से भक्तों ने बोलबम व हर-हर महादेव की गूंज करते सडक़ मार्ग से कांवर में जल लेकर मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और अपने परिजनों की मंगल कामना के लिए प्रार्थना की। सुबह से ही मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगते रहे।
सावन के दूसरे सोमवार को सुबह से ही नगर के मां शीतला मंदिर, मां पाताल भैरवी मंदिर, मां लोहारपारा शिव मंदिर, बांसपाईपारा शिव मंदिर, भानपुरी मंदिर, श्रीसत्यनारायण मंदिर, बालाजी मंदिर, नया बस स्टैंड मंदिर समेत अन्य मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों द्वारा दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर पूजन सामग्रियां अर्पित कर परिवार की मंगल कामना की।
स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक करने के साथ भक्तगण देश के प्रसिद्ध शिवस्थलों में दर्शन व आराधना करने के लिए जाते हैं। वहीं कुछ कांवरिये प्रत्येक सोमवार को जल अर्पित करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि इस बार सावन मास में 5 सोमवार तक भक्त शिवजी की आराधना करेंगे। पूरे सोमवार को व्यापारिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यों के लिए शुभ माना जा रहा है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार भक्तगण सोमवार को व्रत रखने के अलावा भगवान शिव की प्रासंगिकता को व्यवहारिक जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं। सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए युवतियों की खास रूचि होती है। युवकों की तुलना में युवतियां पूरे माह कठिन उपवास रखकर मनवांछित कामना करती हंै। यही कारण है कि शिवालयों में युवतियों की तादाद अधिक होती है।
दूसरे सोमवार को सुबह से ही शिवालयों में जलाभिषेक करने के साथ ही दुग्धाभिषेक किया। इसके अलावा धतुरा, बेलपत्री समेत अन्य पूजा सामग्री को भी भक्तों ने भगवान शिव को अर्पित किया।