राजनांदगांव
![फेडरेशन ने कैशलेस चिकित्सा योजना का प्रस्ताव पुन: राज्य शासन को दिया फेडरेशन ने कैशलेस चिकित्सा योजना का प्रस्ताव पुन: राज्य शासन को दिया](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722249602jn__12.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 जुलाई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारियों एवं उनके परिवार के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना को लागू करने संबंधी प्रस्तावित योजना को पुन: मुख्यमंत्री एवं मुख्यसचिव को स्मरण-पत्र दिया है। गौरतलब है कि फेडरेशन विगत 5 वर्षों से राज्य शासन से पत्राचार कर रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, सीएल चंद्रवंशी, वीरेंद्र रंगारी, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, भूषण साव, स्वाति वर्मा, नवीन कुमार पांडे, उत्तम डड़सेना, देवचंद बंजारे, शिव प्रसाद जोशी, खोमलाल वर्मा, हेमंत पांडे, लीलाधर सेन, पुष्पेंद्र साहू, संजीव मिश्रा, हेमंत दोंदिलकर, संगीता ब्यौहरे, अभिषिक्ता फंदियाल , सुधांशु सिंह, पायल देवांगन , वंदना पानसे, शिरीष कुमार पांडे, रमेश साहू, राजेश शर्मा, नरेश प्रसाद दुबे एवं रानी ऐश्वर्य सिंह ने बताया कि आकस्मिक दुर्घटना अथवा गंभीर बीमारी के स्थिति में तत्काल इलाज की जरूरत होती है। शासकीय सेवक के साथ हादसा/दुर्घटना होने की स्थिति में परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। परिवार को संपत्ति गिरवी रखकर अथवा कर्ज लेकर इलाज कराने बाध्य हो जाता है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी एवं परिवार के दु:ख.दर्द को समझते छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं राजेश चटर्जी सचिव ने अधिकारी-कर्मचारियों तथा उनके परिवार के लिए कैशलेस योजना को मुख्यमंत्री संजीवनी योजना के नाम से प्रस्तावित किया है, जो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर्मचारी हित में बहुत बड़ा कल्याणकारी योजना होगा। उन्होंने बताया कि योजना को लागू करने से राज्य शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, लेकिन फर्जी मेडिकल देयकों के भुगतान एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगा। उपचार नियमों में बाधाओं का सरलीकरण होगा। साथ ही आर्थिक बचत भी होगा ।