रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 जनवरी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव न्याय योजना के तहत किसानों को लाभ देने और एफसीआई द्वारा धान का उठाव न किए जाने जैसे मुद्दों पर केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच गतिरोध के कारण प्रदेश में सहकारी समितियों में धान खरीदी को लेकर अड़चन पैदा हो रही है। सहकारी समितियों में धान का उठाव नहीं होने और बारदानों की कमी के कारण धान खरीदी नहीं हो पा रही है।
सेवा सहकारी समिति घुघुवा के प्रभारी रमेशकुमार सोनकर ने बताया केंद्र में 725 किसान पंजीकृत है और अब तक 382 किसानों से 17 हजार 4 सौ क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। बारदानों की कमी और धान का उठाव नहीं होने के कारण तीन दिनों से धान खरीदी बंद है। गिने चुने किसान जो खुद बारदाना ला रहे हैं उनके धान की खरीदी बस हो पा रही है।
जमराव सहकारी समिति प्रभारी पोखनलाल सोनकर ने बताया कि केंद्र में कुल 695 किसान पंजीकृत हैं। बारदाना न होने के कारण सोमवार से धान खरीदी नहीं की जा सकेगी। ज्यादातर सोसाइटियों में यही हाल है। धान का उठाव नहीं होने के कारण सहकारी समिति में धान रखने की जगह नहीं है।
गांव खुडमुडी के किसान शिवा चंद्रवंशी ने बताया कि सहकारी केंद्र भिंभोरी में अब तक वह 160 क्विंटल धान बेच चुके हैं। सोमवार को 4 सौ कट्टा और धान उन्हें बेचना है। बारदानों की कमी के कारण धान खरीदी के लिए सहकारी समिति और किसान मिलकर बारदाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
सांकरा सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष रामचरण सोनकर ने बताया कि अब तक केंद्र में 52 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है। किसानों को लेकर की जाने वाली राजनीति और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच टकराव के कारण धान खरीदी को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
एफसीआई द्वारा धान का उठाव नहीं किए जाने से प्रदेश में धान खरीदी प्रभावित हो रही है। राजीव न्याय योजना के अन्तर्गत किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे भावांतर के कारण भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में अड़चन पैदा कर रही है। बारदानों की कमी के कारण धान खरीदी में बाधा आ रही है। कई किसान धान बिक्री के लिए मंहगें दर पर बारदानों की खरीदी कर रहे हैं।