रायपुर
![तूता में क्रेडा कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू तूता में क्रेडा कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/172000538015.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य के क्रेडा कर्मचारी नौकरी के अनुबंध पत्र बनाए जाने के विरोध में दूसरे दिन भी नया रायपुर तूता में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं।भूपेंद्र साहू के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन के प्रांताध्यक्ष रहे विजय झा ने धरनारत क्रेडा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए पूर्ववर्ती सरकार के पदचिन्हों पर चलकर अनुबंध पत्र भराए जाने की निंदा की है। आज के प्रदर्शन में पंकज टिकरिया, धन्नू सलाम, लीलधार साहू, खिलेंद्र कुमार,तलवेंद्र सिंह, अशोक राजपूत, मनोज साहू, उत्तम उपाध्याय,नरेंद्र सिन्हा, मंकु राम आदि के नेतृत्व में पांच सौ कर्मचारी धरनारत हैं। जो अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
वहीं कर्मचारी नेता श्री झा एवं क्रेडा कर्मचारी संघ अध्यक्ष भूपेंद्र साहू ने बताया है कि बरसते पानी में शहर से 18 किलोमीटर दूर रोजी-रोटी के लिए धरना प्रारंभ किया गया है।छत्तीसगढ़ राज्य में भूपेश बघेल सरकार द्वारा बूढ़ा तालाब धरना स्थल को स्थानांतरित कर तूता 18 किलोमीटर दूर स्थापित किया गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विरोध में वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता मंत्रीगण तूता धरना स्थल जाकर कर्मचारियों के आंदोलन को संबोधित करते हुए तूता धरना स्थल का विरोध करते थे। अब समय आ गया है कि सरकार बनने के बाद कर्मचारियों से वादा को पूरा किया जाए। लगातार नया बस स्टैंड में शहर से कुछ दूर होने के कारण मारपीट गुण्डा गर्दी होती है। इसलिए नया बस स्टैंड को धरना स्थल घोषित कर बस स्टैंड को पुन: वापस पंडरी स्थानांतरित कर दिया जाए।
यदि ऐसा किया जाना संभव नहीं है तो रविशंकर विश्वविद्यालय के सामने राज्य परिवहन के डिपो की खाली सरकारी जमीन अथवा पंडरी पुराना बस स्टैंड के पीछे की सरकारी जमीन को धरना स्थल घोषित किया जाए। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार है। जिससे वंचित होना पड़ रहा है। श्री झा ने कहा है कि खेद का विषय है कि राजनीतिक दल के लोग नगर निगम सीमा, अंबेडकर चौक, जयस्तंभ चौक, बूढ़ातालाब, आजाद चौक आदि में धरना प्रदर्शन कर लेते हैं। केवल तूता धरना स्थल शासकीय कर्मचारियों के लिए ही दूर किया गया है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत व संविधान की नीतियों के विपरीत है। इसलिए तत्काल नगर निगम सीमा में धरना स्थल स्थापित किया जाए।