सरगुजा
ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना दर्ज करने 3000 पेजों के साथ सिटी कोतवाली में प्रस्तुत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 29 जनवरी। नगर में 3 साल बाद भी 11 किमी लंबी करोड़ों की रिंग रोड नहीं बनी है। घटिया एवं गुणवत्ताविहीन रिंग रोड का निर्माण तथा वर्क आर्डर आदेश से ज्यादा राशि का भुगतान एवं शासकीय राशि का मिलीभगत कर गबन करने का आरोप लगाते हुए संलग्न ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना दर्ज करने हेतु 3000 पेजों के साथ अधिवक्ता डीके सोनी ने सिटी कोतवाली अंबिकापुर में प्रस्तुत किया गया है।
दरअसल छग शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा प्रबंधक संचालक छग सडक़ विकास निगम लिमिटेड रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन कार्य के लिए 9757.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके उपरांत छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर द्वारा किशन एवं कंपनी शांति नगर रायपुर को अंबिकापुर रिंग रोड के निर्माण हेतु वर्क आर्डर जारी किया गया था। रिंग रोड को 0 किलोमीटर से 10.808 किलोमीटर तक का रोड निर्माण करना था, जिसके लिए किशन एंड कंपनी को 1 वर्ष की समय अवधि दी गई थी। इस काम के लिए वर्क आर्डर 70,60,06,250/-रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी।
अंबिकापुर के रिंग रोड निर्माण प्रारंभ हुए लगभग 3 वर्ष से काफी समय हो गया और ठेकेदार की समयावधि समाप्त हो गई, लेकिन आज तक रिंग रोड कम्पलीट नहीं हो पाया है। बड़ी बात यह भी है कि उक्त कार्य किशन एंड कंपनी को दिया गया था लेकिन किशन एंड कंपनी के द्वारा स्वयं कार्य न करके उक्त रिंग रोड को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर सूरजपुर के ठेकेदार शंकर अग्रवाल प्रो. जगदंबा कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया है जिसके कारण भी उक्त कार्य काफी घटिया स्तर का कराया गया है एवं जो ड्राइंग्स डिजाइन स्वीकृत हुई थी उसके अनुसार कार्य नहीं किया गया है। यह सबसे बड़ी बात है कि ठेकेदार द्वारा रिंग रोड में जो कार्य नहीं कराया गया है और उसकी राशि निकाल ली गई है।
रिंग रोड के दोनों तरफ 3.5-3.5 फीट का फुटपाथ बनाना था, जो मौके पर नहीं बनाया गया है। उसके लिए 5 करोड़ 27 लाख का प्रावधान था। उसे भी ठेकेदार निकाल लिया है तथा नाली के ऊपर फुटपाथ दिखाया गया है, जबकि ड्राइंग डिजाइन में नाली अलग है, फुटपाथ अलग है। स्टीमेट के अनुसार सडक़ नहीं बनाया गया है जिसके कारण गाड़ी चलने पर लहरा रही है।