महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 मार्च। धान की ई-नीलामी से सरकार को महासमुन्द जिले से लगभग 101 करोड़ 89 लाख रुपए का नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। चर्चा है कि जिले से 23 लाख क्विंटल धान को सरकार खुले बाजार में समर्थन मूल्य से 443 एवं 465 रुपए कम में बेच रही है।
यदि बेस प्राइज से कम में धान नीलाम करने की नौबत आई तो नुकसान और भी ज्यादा होगा। गौरतलब है कि 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से सरकार ने किसानों से धान खरीदा है लेकिन सरकार ने नीलामी के लिए 2035 रुपए कॉमन, ग्रेड.ए के लिए 2057 रुपए प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की है। इस तरह प्रति क्विंटल सरकार को 443 एवं 465 रुपए का नुकसान होगा। यह खरीदी ऑनलाइन के माध्यम से होगी। जिसकी तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर चल रही है। तीन मार्च से नीलामी की प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से शुरू होगी। सरकार ने अरवा राइस मिलर्स से कोटे के धान का मिलिंग करा लिया है। वहीं एफसीआई के मांग अनुरुप उसना का मिलिंग चल रहा है।
जिला खाद्य अधिकारी नितिन त्रिवेदी ने बताया कि नीलामी के बाद ही पता चलेगा कि धान की बिक्री किस कीमत पर हुई है।
त्रात हो कि 21 साल के बाजार में पहली बार सरकार खुले बाजार में धान बेच रही है। इससे पहले केंद्र व राज्य सरकार द्वारा धान मिलिंग कर खपाया जाता था, लेकिन इस बार एफसीआई द्वारा तय कोटे से ज्यादा चावल नहीं लेने और बंपर खरीदी के कारण समिति और संग्रहण केंद्रों में बड़ी मात्रा में धान रखा हुआ है। इसके अलावा पिछले साल खरीदे गए धान भी संग्रहण व उपार्जन केंद्र में रखा हुआ है, जिसकी मिलिंग भी नहीं हो पाई है। अधिक मात्रा में धान की खरीदी होने के कारण सरकार ने इसे बेचने का फैसला लिया है।
ई-नीलामी का पहला चरण 3 से 9 मार्च तक होगा। इसके लिए मिलर्स व अन्य व्यापारियों ने अपना पंजीयन कराया लिया है। पहले सप्ताह में भस्करापाली बैल्दीडीह, जाड़ामुड़ा, पिरदा व केदुवा के उपार्जन केंद्रों से 197440 एवं 4001 क्विंटल कॉमन ग्रेड के धान की नीलामी होगी। इसके अलावा एक ग्रेड धान की 637 क्विंटल की बिक्री होगी। सरकार ने धान की मिलिंग करा ली है। जिले के 138 उपार्जन केंद्र में अभी भी 26 लाख 71 हजार क्विंटल धान रखा हुआ है। सरकार इन्हीं उर्पाजन केंद्रों से धान की नीलामी कर रही है, जिसके कारण उठाव नहीं हो रहा है। इन समितियों में पिछले साल एक दिसंबर से चालू साल 31 जनवरी तक सरकार ने 75 लाख क्विंटल धान खरीदा था। इसमें से 31 लाख 42 हजार क्विंटल धान मिलर्स को मिलिंग के लिए जारी किया है और 16 लाख 71 हजार क्विंटल धान संग्रहण केंद्र में है। शेष 26 लाख 71 हजार उपार्जन केंद्रों में अब रखा हुआ है।