रायगढ़

छत्तीसगढ़ का बजट कहीं खुशी कहीं गम
03-Mar-2021 8:03 PM
 छत्तीसगढ़ का बजट कहीं खुशी कहीं गम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 सारंगढ़, 3 मार्च। सोमवार को सीएम भूपेश बघेल ने वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। बजट पर सारंगढ़ के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिनके विचारों से निष्कर्ष यह निकला कि बजट कहीं खुशी कहीं गम है ।

बजट किसानोन्मुखी और विकासोन्मुखी

 रायगढ़ जिला कांग्रेस  कमेटी के  ग्रामीण अध्यक्ष अरुण मालाकार ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह बजट किसानोन्मुखी व विकासोन्मुखी बजट है । किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान पर सर्वाधिक जोर दिया गया है । कृषक बीमा योजना के लिए बजट में ?606 करोड़ रूपयें का प्रावधान किया गया है । वही छत्तीसगढ़ की फसलों कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य में खरीदी के साथ ही दो लाख से ज्यादा मछुआरों को सरकार रोजगार देने जा रही है । कृषि सिंचाई योजना , कृषक जीवन ज्योति योजना, सौर सुजला योजना के साथ ही खेत तक का रास्ता बनाने के लिए सीएम धरसा योजना और फूड पार्क बनाने की घोषणा कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि - किसान सरकार के लिए कितने महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सुरक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही स्वच्छता दीदियों का मानदेय और सबके लिए आवास योजना के तहत भारी भरकम बजट आवंटित कर सरकार ने सर्वांगीण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है ।

सभी वर्गों को साधता वार्षिकी बजट

जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष और सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े के पति गनपत जांगड़े ने कहा कि  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बजट सभी वर्गों को साधने की बजट है । इस बजट में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ सोच को दर्शाता है और इसके दूरगामी  सकारात्मक परिणाम होंगे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता रही है । गोठान योजना ,गांव में सडक़ योजना, शिक्षाकर्मियों का संविलियन ,जैसे केई अन्य योजनाएं है । लिए बजट में राशि आबंटित कर मुख्यमंत्री ने दूरगामी सोच को दर्शाया है । धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के लिए भी सरकार का रुख स्पष्ट है । राम वन गमन पथ सरकार की प्राथमिकता रही है । जिसके लिए राशि का आवंटन स्वागत योग्य कदम है । अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों की फीस सरकार द्वारा भरने का निर्णय लिया गया । भूमिहीन श्रमिकों को भी लाभान्वित करने का प्रावधान भी किया गया है । जिनकी ओर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया था । हस्तकला , बांस , मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने की बात मुख्यमंत्री ने की है । जो वास्तव में सभी वर्ग को साधने का सफल प्रयास कहा जा सकता है ।

योजना विहीन बजट

 नगर भाजपा के अध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि इस बजट से ऐसा प्रतीत होता है कि - सरकार के पास ना कोई योजना ना ही कोई प्लान है । बस मुख्यमंत्री जी ने केंद्र की योजना को सामने रखकर बजट की रूपरेखा प्रस्तुत कर दिया है । विधानसभा चुनाव पूर्व हर घर रोजगार , घर घर रोजगार का नारा देने वाले ने छत्तीसगढ़ के 10 लाख बेरोजगारों की 25 सौ रु . प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था , लेकिन बजट में नई नौकरी  , स्वरोजगार, कौशल विकास का जिक्र तक नहीं , और नहीं स्वरोजगार को लेकर कोई ठोस नीति है । ना ही बेरोजगारी भत्ता के लिए कोई प्रावधान कियाक्षगया है । कोरोना वैक्सीन लगवाने की बात मुफ्त में कहने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी कहीं पर बजट में फूटी कौड़ी तक जारी नहीं किया । जिस तरह से कांग्रेसी गंगाजल हाथ में लेकर झूठे वादे करके सत्ता में आई है , और छत्तीसगढ़ के जनता के साथ धोखा घड़ी कर रही है । ठीक उसी प्रकार यह बजट भी विकास विहीन हाथी के दांत की तरह है ।

प्रदेश को आगे नहीं पिछे ले जाने वाला बजट

 अध्यक्ष नगर पालिका सारंगढ़ के अमित अग्रवाल ने कहा कि - प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का बजट प्रदेश को आगे ले जाने वाला नहीं अपितु पीछे धकेलने वाला बजट है । छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार बजट का आकार छोटा हुआ है , जो दुर्भाग्य जनक है । विभाग वार राशी स्पष्ट नही है । प्रति व्यक्ति आय में कमी आना बताता है कि - सरकार की नीतियां किस प्रकार प्रदेश और यहां के लोगों को नुकसान पहुंचा रही है । जल कर बढ़ाकर प्रदेश की जनता पर बोझ बढ़ाया जा रहा है । राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनियों से सोयाबीन की बड़ी की खरीदी इसका उदाहरण है । बाजार में 60 पर मिलने वाली बड़ी सरकार ?105 में खरीद रही है । सरकार रिकॉर्ड मात्रा में धान खरीदी का प्रचार कर रही है , जबकि हकीकत यह है कि - पिछले वर्ष की खरीदी का भी किसानों को बोनस नहीं मिल पाया है । सरकार की ऋण माफी योजना भी थोथी साबित हो रही है ।

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