राजनांदगांव

परिकल्पना शोध प्रक्रिया की प्रारंभिक द्वितीय सोपान- द्विवेदी
05-Mar-2021 4:30 PM
परिकल्पना शोध प्रक्रिया की प्रारंभिक द्वितीय सोपान- द्विवेदी

राजनांदगांव, 5 मार्च। संत राजाराम शदाणी नागरिक महाविद्यालय डौंडीलोहारा बालोद में स्नातकोत्तर भूगोल विभाग द्वारा संस्था प्राचार्य संत कुमार यादव के प्रमुख निर्देशन एवं प्रो. केआर साहू के संयोजन में ऑनलाइन विषय विशेषज्ञ व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्नातकोत्तर भूगोल पाठ्यक्रम के अति महत्तम विषय शोध प्रविधियां के अंतर्गत परिकल्पना और उसका प्रतिपादन विषय पर विषय विशेषज्ञ व्याख्यान के लिए स्थानीय शासकीय कमलादेवी राठी महिला महाविद्यालय के भूगोल विभागाध्यक्ष कृष्ण कुमार द्विवेदी को आमंत्रित किया गया।

प्रो.द्विवेदी ने विषयक छात्रों को बताया कि परिकल्पनाएं शोध प्रक्रिया की प्रारंभिक द्वितीय सोपान होती है, जो कि शोध समस्या का संभावित समाधान प्रस्तुत करती है। विशेषकर सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में परिकल्पना की प्रकृति, विशेषताएं तथा अनिवार्यताओं को स्पष्ट करते प्रो. द्विवेदी ने परिकल्पना के आधार स्रोतों, प्रमुख कार्य एवं प्रकारों पर चर्चा करते शोध परिकल्पना की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा स्पष्ट किया कि परिकल्पना शोधकर्ता को अनुसंधान की सही दिशा प्रदान करती है तथा विशिष्टता प्रदान करने में भी सहायक होती है एवं नवसिद्धांत और मान्यताओं का प्रतिपादन भी करती है। वस्तुत: परिकल्पना से ही शोध कार्य को आधार मिलता है और शोध कार्य का संपादन और समापन होता है। व्याख्यान कार्यक्रम में सहभागी छात्रों ने प्रश्न-उत्तर काल में भाग लेकर व्याख्यान को सफल बनाया। 
व्याख्यान का श्रेष्ठ समन्वय और संचालन भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. केआर यादव द्वारा किया गया।
 

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