राजनांदगांव
सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद पहली नियुक्ति के लिए सियासी उठापटक शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जून। राजनंादगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए शासन स्तर पर नियुक्ति का कयास जोर पकड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 17 जून को ढ़ाई साल के कार्यकाल पूरे होने के बाद किसी भी दिन राजनांदगांव समेत प्रदेश के दूसरे रिक्त सहकारी बैंक अध्यक्ष पद पर मनोनयन की सूची जारी हो सकती है। बताया जा रहा है कि राजनंादगांव सहकारी बैंक अध्यक्ष के लिए कांग्रेस के पार्टी नेताओं में काफी उठापटक भी चल रही है।
सियासी धमाचौकड़ी करते हुए दावेदार इस पद पर नियुक्ति के लिए जोरआजमाईश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि किसानों से जुड़ी शासकीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सहकारी बैंक एक महत्वपूर्ण एजेंसी होती है। खरीफ की फसल का सीजन सिर पर खड़ा है। खेती कार्य की प्रारंभिक शुरूआत भी हो गई है। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द अध्यक्ष के पद को भरने का मन बना चुकी है। बताया जा रहा है कि भूपेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के पूरे होते ही बड़ी राजनीतिक नियुक्तियों की शुरूआत सहकारी बैंक से ही होगी। राजनांदगांव सहकारी बैंक की बॉडी को सरकार ने भंग कर दिया है। फिलहाल कलेक्टर प्रशासक के तौर पर बैंक की जिम्मेदारी सम्हाल रहे हैं।
इधर सहकारी बैंक अध्यक्ष के लिए पूर्व जिला कांग्रेस नवाज खान का नाम चर्चा में है। इसके अलावा कुछ और कांग्रेसी नेता अध्यक्ष बनने के लिए उठापटक कर रहे हैं। अध्यक्ष की दौड़ में वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि नवाज खान को हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है। हालांकि यह भी सच है कि उनके नाम की संभावना देखते ही शासन स्तर पर विरोध भी किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नियुक्तियों पर सीधी दखल होगी। नवाज से उनके बेहतर ताल्लुकात है। यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के पूर्व विधायकों को भी सहकारी बैंक अध्यक्ष बनाए की अटकलें हैं। ऐसे में भोलाराम साहू भी इस पद के प्रबल दावेदार होंगे।
बताया जा रहा है कि मोहला-मानपुर की पूर्व विधायक तेजकुंवर नेताम का भी नाम चर्चा में है। राजनीतिक रूप से यह नियुक्ति बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार की किसान संबंधित नीतिगत फैसलों को अध्यक्ष के जरिये ही मूर्त रूप दिया जाएगा। फिलहाल सहकारी बैंक अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस के भीतर घमासान शुरू हो गया है।