बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 12 जून। सिलगेर गोलीकांड को लेकर एक बार फिर पूर्व मंत्री व बीजापुर के पूर्व विधायक महेश गागड़ा ने राज्य सरकार पर आदिवासियों को गुमराह करने और कंफ्यूज होने का आरोप लगाया।
यहां प्रेस वार्ता में सिलगेर मामले को लेकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने मुख्यमंत्री पर कंफ्यूज में होने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की ओर से गठित जाँच दल को हास्यप्रद बताया। श्री गागड़ा ने कहा कि अगर सरकार वाकई में जांच करवाना चाहती है तो राजनीतिक सदस्यों का दल न बनवाकर रिटायर्ड जजों से निष्पक्ष रूप से जांच करवाती। लेकिन सरकार की मंशा साफ नही है।
सरकार और कांग्रेस कंफ्यूज में है। इसलिए प्रशासन को आगे कर दिया गया हैं। इसमे भी स्पष्टता नही है। घटना सुकमा जिले का है लेकिन मोर्चा बीजापुर के कलेक्टर एसपी संभाले हुए हैं। अपनी गलती छुपाने के लिए कांग्रेस अब मोदी सरकार पर बस्तर में कैम्प लगाने का आरोप लगा रही है। जबकि कैंप लगाना या हटाना प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा का मामला है। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होती है। फोर्स कहाँ रखना है, कहाँ नही,लेकिन आंदोलनरत लोगों के बीच जाकर कांग्रेस और सरकार के लोग प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहे हैं, कि कैम्प व फोर्स प्रधानमंत्री मोदी ने लगा रखा है। सरकार पहले स्पष्ट हो जाये कि उन्हें करना क्या है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का झूठा आरोप कतई सही नही है चूंकि कैंप केंद्र सरकार का मसला नही है।
श्री गागड़ा ने आगे कहा कि यहां कि वर्तमान स्थिति ऐसी है कि आदिवासी कोविड से मरे या गोली से सरकार को इसकी चिंता नही है। वो महज गुमराह और झूठ की राजनीति में व्यस्त है। जबकि ऐसे आरोप के बजाय घटना की जांच कर आवश्यक कार्यवाही व आदिवासियों की सुरक्षा पर जोर देना चाहिए।
कांग्रेस का आदिवासी हितैषी होना सिर्फ घोषणा पत्र में दिखता है। जमीनी हकीकत यह है कि बेगुनाह आदिवासियों को सिर्फ गोली और मौत नसीब हो रही है।