महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 16 जून। विकासखंड के उतेकेल के समीप निजी ठेकेदार द्वारा डामर प्लांट बगैर अनुमति एवं एसडीएम के स्थगन के बाद भी शुरू कर दिया था, जिसे स्थानीय प्रशासन ने बंद करवा दिया। ज्ञात हो कि उक्त मामले को ‘छत्तीसगढ़’ ने प्रकाशित किया था। जिस पर अब कार्रवाई हुई है। एसडीएम के आदेश के बाद सांकरा पुलिस ने उक्त डामर प्लांट बन्द करवा दिया है।
ज्ञात हो कि उतेकेल में मुख्य मार्ग पर बगैर स्वीकृति के एक निजी कंपनी द्वारा लगाए जा रहे डामर प्लांट का ग्रामीण विरोध कर रहे थे। उतेकेल पंचायत द्वारा डामर प्लांट लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं दिया है। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा डामर प्लांट प्रारम्भ भी कर दिया। डामर प्लांट से निकल रहे काले धुएं से ग्रामीण परेशान थे। प्लांट के आसपास खेत होने के कारण ग्रामीण खेतों में काम भी नहीं कर पा रहे थे।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राकेश कुमार गोलछा ने बताया कि जिस भूमि पर डामर प्लांट लगाया गया है वह कोटवारी भूमि है। ग्रामीणों की आपत्ति के बाद मार्च में ही प्लांट नहीं लगाने हेतु स्थगन आदेश जारी किया गया था, परन्तु अब पता चल रहा है कि स्थगन के बाद भी डामर प्लांट लगा कर चालू कर लिया गया है। लिहाजा अब उक्त ठेकेदार पर न्यायालय की अवमानना का मामला दर्ज कर स्थगन आदेश का पालन करवाने सांकरा पुलिस को निर्देशित किया गया है।
इधर डामर प्लांट बगैर अनुमति प्रारंभ करने वाले ठेकेदार अजय साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि उक्त प्लांट शासन के कार्य के लिए ही लगाया गया है। ग्रामीणों की शिकायत हुई है, परन्तु सरकारी काम होने के कारण वे कलेक्टर साहब को मना लेंगे।
उतेकेल के सरपंच ने बताया कि उनके ग्राम क्षेत्र में ही एक निजी कंपनी द्वारा डामर प्लांट की स्थापना की गयी है। कोटवारी जमीन पर ठेकेदार द्वारा बगैर किसी की अनुमति के ही प्लांट लगा दिया। सरपंच सत्यानंद बांक ने बताया कि उनके पास प्लांट लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया था, परन्तु कार्यस्थल पर ग्रामीणों के खेत हंै, जो कि प्लांट स्थापना के बाद बंजर हो जाएंगे और उसके धुएं से निकलने वाली गैस से ग्राम सहित आसपास का वातावरण प्रदूषित हो जाएगा। लिहाजा इस स्थान पर पंचायत द्वारा ठेकेदार को अनापत्ति देने से इंकार कर दिया गया है।