बीजापुर
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बीजापुर, 9 जुलाई। यहां जिला अस्पताल में आंखों के लिए डॉक्टर होने के बावजूद जिले में मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा हैं। जिसके चलते बीजापुर अपने निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा हैं।
मोतियाबिंद के मरीज अपनी आंखों में लाखों सपने संजोए हुए है, लेकिन यहां आंखों के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर होने के बावजूद मरीजों का ऑपरेशन रुका हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा मोतियाबिंद दृष्टिहीनता रहित राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है, लेकिन जिले में अब तक मोतियाबिंद का ऑपरेशन न के बराबर हुआ है। विदित हो कि जिले में गत वर्ष 2020-2021 में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का लक्ष्य 1000 था, जिसमें महज 230 मोतियाबिंद के मरीजों का ही ऑपरेशन हो पाया था। वहीं इस वर्ष भी जिले में 1000 मोतियाबिंद मरीजों के आंखों का ऑपरेशन करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके बावजूद अब तक मोतियाबिंद के एक मरीज का ही ऑपरेशन हो पाया है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि गर्मी के माह से ही मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन शुरू होना था, लेकिन अब तक सिर्फ 1 ही मरीज के आंखों का ऑपरेशन हो पाया है। सीएमएचओ ने बताया कि जिले में मोतियाबिंद के मरीजों का सर्वे का काम लगातार जारी है।
उन्होंने आगे बताया कि सर्वे में भोपालपट्टनम ब्लॉक से 122,भैरमगढ़ ब्लाक से 30 एवं उसूर ब्लाक से 17 मोतियाबिंद मरीजों पाए गए हैं। वही अब तक 93 मरीजो का पंजीयन भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नेत्र विभाग की इस लापरवाही के लिए नोडल अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मोतियाबिंद के मरीजों के आंखों का ऑपरेशन शुरू कर लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
वहीं इस संबंध में नेत्र सर्जन डॉ. श्रीकांत गेडाम से बात करने पर उन्होंने बताया कि नवंबर व दिसंबर में ओटी में पानी रिस रहा था, 5 महीने से सर्जरी मशीन खराब थी। हमने तत्कालीन सीएमएचओ को जानकारी दी थी। उसके बाद कोरोना की वजह से हॉस्पिटल में मरीज आने से डर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुविधाएं नहीं होने की वजह से आंखों के ऑपरेशन में बहुत कमी आयी है। वर्तमान में चार मरीजों के आंखों का ऑपरेशन किया गया है।