बीजापुर
एक यूनिट ब्लड से बचेगी 3 जिंदगियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 जुलाई। यहां जिला अस्पताल में जल्द ही ब्लड सेपरेटर मशीन के जरिये ब्लड कम्पोनेंटस मिलने की सुविधा शुरू हो जाएगी। सोमवार को यहां संभाग की पहली ब्लड सेपरेटर मशीन पहुंची हैं।
दो माह पहले ब्लड सेपरेटर मशीन के लिए ऑर्डर किया गया था। सोमवार को जिला अस्पताल बीजापुर को संभाग की पहली ब्लड सेपरेटर मशीन की सौगात मिल गई। अब मशीन के स्ट्राल होते ही मरीजों को सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ. अभय तोमर ने बताया कि यह मशीन सोमवार पहले ही उनके अस्पताल में पहुंची है। अगले सप्ताह तक मशीन को चालू कर लिया जाएगा। मशीन किस तरह से काम करेगा, इसका प्रशिक्षण देने के लिए रायपुर से इंजीनियर आएंगे और अस्पताल के कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग देंगे।
सिविल सर्जन ने बताया कि पिछड़ा इलाका व लोगों में रक्तदान को लेकर कई प्रकार की भ्रांतिया होने के कारण लोग रक्तदान नहीं करते हैं। जिस वजह से खून की काफी कमी होती थी। जिला अस्पताल में ब्लड बैंक है और चारों ब्लॉक में ब्लड स्टोरेज यूनिट की व्यवस्था भी की जा रही है। इस मशीन के आने से मरीजो को रक्त से सम्बंधित समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और मरीजो को काफी सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ब्लड बैंक से 1024 लोगो को रक्त दिया गया था। वही अभी के तीन महीने में 217 मरीजो को रक्त दिया जा चुका है।
किस तरह काम करती है ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन, कैसे मिलेगा मरीजों को लाभ
सिविल सर्जन ने बताया कि ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन मानव शरीर के खून में शामिल चार तत्वों को अलग कर देती है। डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स, बर्न के मरीजो को प्लाज्मा व एफ़एफपी व एड्स के मरीजों को डब्ल्यूबीसी की जरूरत पड़ती है।यह मशीन लाल रक्त कणिकाओं,श्वेत रक्त कणिकाओं, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा को अलग कर देता है।ऐसे में मरीज को पूरी बोतल खून चढ़ाने के बजाय आवश्यक तत्व ही चढ़ाए जाते है। एक बोतल खून से 3 मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है।