बस्तर
राष्ट्रव्यापी अभियान में शामिल हुईं बस्तर जिले के बकावंड की महिलाएं
जगदलपुर, 15 जुलाई। जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने भारत में जनजातीय समुदाय के बीच कोविड टीकाकरण की गति को बढ़ाने के लिए आज ‘कोविड टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम’ अभियान का शुभारंभ किया।
इस अभियान के तहत भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था, भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राईफेड) से जुड़े 45,000 वन धन विकास केंद्रों में सहभागी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनजातीय समुदायों में कोविड टीकाकरण के संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर कर शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को तेजी से हासिल करने के लिए कार्य किया जाएगा। यह अभियान यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की साझेदारी में शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 50 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अवसर पर श्री मुंडा ने ट्राईफेड के डिजिटल कनैक्ट कार्यक्रम के तहत तैयार की गई नई डिजिटल डायरेक्टरी का भी लोकार्पण किया। ट्राईफेड ने एक डिजिटल कनैक्ट कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत वन धन विकास योजना और ट्राईफेड के खुदरा संचालन से जुड़े सभी जनजातीय लाभार्थियों के साथ दोतरफा संचार प्रक्रिया स्थापित करने का प्रस्ताव है। इनके अलावा, ट्राईफेड की गतिविधियों में रुचि रखने वाले अन्य हितधारकों को भी ट्राईफेड की योजनाओं और गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें जनजातीय समुदाय की इन आजीविका सृजन के कार्यक्रमों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करने के लिए शामिल किया जा रहा है। मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि आज इसके लोकर्पण के साथ इस प्रकार की सभी जानकारी लिए हुए यह डायरेक्टरी अब तैयार है, जो डिजिटल कनैक्ट कार्यक्रम के शुभारंभ का संकेत है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस अभियान के शुभारंभ के अवसर पर इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू और रेणुका सिंह भी लॉन्च के दौरान वर्चुअल उपस्थित थे। वर्चुअल लॉन्च के दौरान ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको अफरीन, यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक और ट्राईफेड के कार्यकारी निदेशक अनुपम त्रिवेदी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य जिला बस्तर और मध्य प्रदेश के मंडला से किया गया।
‘कोविड टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम’ अभियान की शुरुआत करते हुए. श्री मुंडा ने कहा, हम कोविड की दो खतरनाक लहरों से लडऩे में सक्षम रहे हैं, उनसे हमें लडऩे का अनुभव मिला है और हमारा दृढ़-संकल्प है कि हम तीसरी लहर को रोकने में कामयाब होंगे। हमें कोविड संक्रमण से मुक्त एक नए समाज के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस अभियान के माध्यम से हमें उम्मीद है कि हम अपने वन धन विकास केंद्रों और गांवों को अपने-अपने राज्यों में पहला कोविड मुक्त और सभी प्रतिबंधों से मुक्त घोषित करने में सफल होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में टीकाकरण की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बहुत ही कम रहा तथा हमें जनजातीय क्षेत्रों को कोरोना के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए टीकाकरण पर बहुत अधिक जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण स्वस्थ जीवन के लिए अभी सबसे अधिक आवश्यक है। स्वस्थ रहने पर ही हम आजीविका के लिए उपार्जन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीकाकरण सभी के लिए जरुरी है, क्योंकि यदि एक भी व्यक्ति असुरक्षित है, तो कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है तथा परिवार के लिए बेहतर आय के सृजन हेतु प्रत्येक सदस्य का स्वस्थ होना आवश्यक है।
श्री मुंडा ने आगे कहा कि यह जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य के साथ आजीविका को बढ़ावा देने के साथ ही वन धन विकास केंद्रों की गतिविधियों को गति प्रदान करेगा और हथकरघा, हस्तशिल्प और वनोपजों की खरीद, मूल्यवर्धन और विपणन में लगे जनजातीय लोगों में कोविड टीकाकरण की गति को तेज करेगा। यह अभियान स्वयं सहायता समूहों के विस्तृत तंत्र और अन्य सामान्य संपर्क स्थानों जैसे सार्वजनिक सुविधा केंद्र, उर्वरक बिक्री केंद्र, हाट व बाजार, वन धन विकास केंद्र तथा दुग्ध संग्रह केंद्र, आदि का लाभ उठाएगा और टीके लगवाने व कोविड माकूल व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए दीवारों पर जनजातीय भित्ति चित्रों तथा मोटिफ्स का उपयोग करेगा।
यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने कहा, श्कोविड-19 ने जनजातीय क्षेत्रों में स्वच्छता, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के मुद्दों को और अधिक बढ़ा दिया है जिससे लोग अधिक असुरक्षित हो गए हैं। यह अभियान बच्चों के जीवन, बढ़ोत्तरी और विकास के लिए यूनिसेफ के इक्विटी दृष्टिकोण के समरूप है। हमें इस अभियान से जुडऩे पर गर्व है, जो वैक्सीन इक्विटी पर ध्यान केंद्रित करता है और हमें उन समुदायों से जोड़ता है जो जोखिमों को झेलने के लिए पीछे छूट गए हैं।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री बंसल ने बस्तर जिले में कोरोना टीकाकरण के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अब तक तीन लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों में कोरोना टीकाकरण के संबंध में भ्रांतियां देखी जा रही हैं, जिन्हें दूर करने में इस अभियान से मदद मिलेगी। कलेक्टर ने कोरोना टीकाकरण के लिए युवोदय के स्वयंसेवकों के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के संबंध में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर बकावंड में काजू एवं इमली प्रसंस्करण का कार्य कर रही वर्षा स्वसहायता समूह की श्रीमती सोनवारी ने इस कार्य के माध्यम से मिले रोजगार के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान मिले इस कार्य से महिला स्व सहायता समूह की सभी सदस्य काफी खुश हैं। उन्होंने कोरोना टीकाकरण की जागरुकता के लिए प्रारंभ किए गए इस कार्य में भी बढ़-चढक़र सहयोग प्रदान करने की बात कही।
इस अवसर पर बकावंड में मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, वन मंडलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी, यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ में विकास के लिए संचार विशेषज्ञ अभिषेक सिंह उपस्थित थे।