बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 16 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर संभाग में स्थानीय आदिवासियों के ज़बर्दस्ती धर्मांतरण के चल रहे कुचक्र को लेकर अपनी गहरी चिंता जताई है।
श्री कश्यप ने धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस नेतृत्व के रवैए की आलोचना की और प्रदेश सरकार को कांग्रेस नेतृत्व के इस अघोषित एजेंडे की वर्क एजेंसी बताते हुए कहा कि प्रदेश में अब टकराव के चिंताजनक हालात बनते जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इन सबसे लापरवाह होकर अपने सियासी ड्रामों में ही मशगूल है। श्री कश्यप ने बस्तर के सुकमा जि़ले के एसपी का इसे लेकर चिंतित होना और अपने मातहत अफ़सरों को अलर्ट रहने के लिए कहना बस्तर की इस चुनौती की गंभीरता रेखांकित करती है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि सुकमा जि़ले में ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण का कुचक्र चला रखा है और अपने इस कुचक्र में वहीं के धर्मांतरित आदिवासियों को बतौर मोहरा इस्तेमाल करके ईसाई मिशनरियाँ शेष स्थानीय आदिवासियों के धर्मांतरण के घृणित उद्देश्यों पर काम कर रही हैं। धर्मांतरण के चल रहे इस कुचक्र को लेकर एसपी की उस चिंता को भी गंभीरता से लेने की ज़रूरत है कि अब वहाँ स्थानीय आदिवासियों और धर्मांतरित आदिवासियों में परस्पर टकराव की आशंका बढ़ रही है।
श्री कश्यप ने कहा कि आदिवासियों के संरक्षण के नाम पर सत्ता पर काबिज़ हुई कांग्रेस के शासनकाल में एक तरफ नक्सली हिंसा बढ़ी है तो दूसरी तरफ अब धर्मांतरण का यह कुचक्र बेख़ौफ़ चल रहा है। श्री कश्यप ने कहा कि प्रार्थना, दवाई और पढ़ाई के बहाने न केवल प्रदेश के इस आदिवासी इलाक़े में धर्मांतरण का मामला सामने आया है, अपितु हाल ही राजधानी के नवा रायपुर में भी ऐसे ही एक और कुचक्र का भांडा फूटा है, जिसमें मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जि़ले के 19 बच्चों को नाजायज तौर पर रखकर धर्मांतरण के घृणित कृत्य को अंजाम दिया जा रहा था।
श्री कश्यप ने अपने घिनौने उद्देश्यों की पूर्ति और टकराव के हालात पैदा कर रहे लोगों द्वारा संवैधानिक अधिकारों की क्रिश्चियन फ़ोरम दुहाई को महज़ प्रलाप कर अपने कृत्यों को जायज कऱार देने की नाकाम क़वायद बताया है।