कोण्डागांव
बेटियां ने हक के लिए उठाई आवाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 21 जुलाई। केशकाल तहसील कार्यालय में इन दिनों अधिकारियों की लापरवाही के नए-नए प्रकरण सामने आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले पटवारी की लापरवाही के चलते एक पति खोई महिला के जीते-जी राजस्व विभाग द्वारा उसे मृत घोषित कर उसकी फौती काट कर उसके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था। हालांकि मीडिया के माध्यम से मामला सामने आने पर वर्तमान तहसीलदार ने उक्त प्रकरण में सुधार की प्रक्रिया शुरू करवा दी है। उसके ठीक बाद इसी तरह का एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की मौत होने के दो वर्ष पहले ही तत्कालीन तहसीलदार द्वारा उक्त महिला को मृत घोषित कर दिया गया था।
ये है पूरा मामला-
प्राप्त जानकारी के अनुसार केशकाल नगर पंचायत अंतर्गत निवासरत इंताजबाई की मृत्यु 18 अगस्त 2013 को हुई थी, जिसके संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हुआ था। लेकिन केशकाल के तत्कालीन तहसीलदार ने इस महिला को 29 सितंबर 2011 को ही मृत मानते हुए फौती दाखिला प्रमाणित किया गया है। जिसके चलते उक्त महिला का बेटा नम्बरदार बन गया है, वहीं उसकी अन्य 3 बेटियों को अपने हक के लिए आवाज उठाना पड़ रहा है।
अब सोचने वाली बात यह है कि आखिरकार तत्कालीन तहसीलदार ने किन तथ्यों के आधार पर इंतजाबाई को 2 वर्ष पहले ही मृत घोषित कर दिया था यह जांच का विषय है।