राजनांदगांव
नांदगांव में अब सिर्फ 92 मरीज, रिकवरी रेट 99 फीसदी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जुलाई। कोरोना की दूसरी लहर जिले में शांत पड़ती दिख रही है। करीब 4 माह बाद कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 100 से नीचे गिर गईहै। वहीं रिकवरी रेट भी 99 फीसदी तक पहुंच गया है। जिले में कुल 92 मरीज ही कोरोनाग्रस्त हैं। वहीं औसतन हर दिन 3 नए मरीज कोरोना के चपेटे में आने से बीमार पड़ रहे हैं। इसी तरह राहत भरी बात यह है कि जिले में लंबे समय से कोरोना मौतों की पूर्व संख्या स्थिर हालत में है। यानी गुजरे डेढ़ माह से कोरोना से किसी की जान नहीं गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की आक्रामक मार अब शांत पड़ रही है। हालांकि तीसरी लहर को लेकर अब भी कई तरह की आशंकाएं प्रबल बनी हुई है। तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी चल रही है। इक्का-दुक्का मामलों के बीच कोरोना से निपटने के लिए प्रशासन लगातार स्वास्थ्य महकमे के जरिये हाईअलर्ट में है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगस्त-सितंबर के बीच तीसरी लहर के रूप में कोरोना वापसी कर सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण गुजरा दो साल इंसानी जीवन को तबाह करने जैसा रहा है। कोरोना के चलते दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर मौतें हुई। साल 2021 के शुरूआत से कोरोना की दूसरी लहर ने अपना पैर पसारते हुए युवकों से लेकर उम्रदराज लोगों को बेसमय मौत के मुंह में ढक़ेल दिया।
जिले में कोरोना वायरस के धमक से लेकर आज पर्यन्त 522 लोगों की मौत हुई। आज तक 57 हजार 185 कोरोनाग्रस्त हुए। जिसमें 56 हजार 571 सेहत सुधरने के बाद घर लौट गए। जिले के सभी विकासखंडों में कोरोना की संख्या लगभग खत्म हो गई है। थोड़े दिनों के अंतराल में ही एक-दो मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की मारक क्षमता कम होने के चलते नए मामलों में जहां कमी आई है। वहीं पुराने मरीजों की सेहत में भी तेजी से सुधार हुआ है, जिसके चलते जिले में अब 92 मरीज ही कोरोनाग्रस्त होकर उपचार करा रहे हैं। गिरते संक्रमण आंकड़ों के साथ अब भी कोरोना की वापसी को लेकर प्रशासन की ओर से चेतावनी भी दी जा रही है। स्वास्थ्य महकमा बार-बार भीड़ से बचने के लिए लोगों को जहां आगाह कर रहा है। वहीं कोरोना के अचानक लौटने की सूरत में खतरनाक स्थिति निर्मित होने से लोगों को चेताया जा रहा है।
कोरोना वायरस के चलते व्यापारिक और दूसरी गतिविधियां सिमट गई थी। जून के बाद से धीरे-धीरे व्यापारिक कामकाज का दायरा बढ़ा है, पर भीड़ के नियंत्रण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाने से अब भी डर का माहौल बना हुआ है।