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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 दिसंबर। प्रदेश के शिक्षा और ट्राइबल विभाग में अधिकारियों की उदासीनता के कारण प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं हो रही है। जिससे बिना पदोन्नति पाए सैकड़ों व्याख्याता सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में स्कूल प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हो रही है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
इन्हीं कारणों से आक्रोशित व्याख्याता संघ 3 दिसंबर को आंदोलन करने जा रहे हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा प्रवक्ता जितेंद्र शुक्ला महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति हो रही है। यहां तक कि शिक्षा विभाग में भी प्रधान पाठक उच्च वर्ग शिक्षक की पदोन्नति हो रही है।
प्राचार्य पद पर पदोन्नति के मामले में अधिकारी व शासन मौन है। इसके कारण सैकड़ों व्याख्याता बिना पदोन्नति पाए 30 से 35 वर्ष सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। वही प्रदेश के शिक्षा विभाग और ट्राईबल के हाई स्कूलों में 90 प्रतिशत प्रभारी प्राचार्य दायित्व संभाल रहे हैं। जिसके कारण स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इतना ही नहीं प्रदेश के लगभग 17 जिलों में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बैठे हुए हैं।
शासन यदि प्राचार्य और ब्याख्याताओ कि पदोन्नति कर दे तो प्रभार वाद से मुक्ति मिल जाएगी, और गुणवत्ता भी प्रभावित नहीं होगी। संघ ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तत्काल पदोन्नति की कार्यवाही की जाए। निर्देश के बाद शिक्षा विभाग के अन्य केडर में हजारों की पदोन्नति हो गई है। परंतु शिक्षा विभाग के मात्र दो हजार पांच सौ पदों पर व्याख्याता से प्राचार्य की पदोन्नति नही की जा रही है चूंकि इनकी सेवा 35 वर्षो से अधिक हो चुकी है।
सेवानिवृति के कगार पर है और समयमान वेतनमान पाकर प्राचार्य की बेसिक सैलरी को पार कर चुके है इसलिए शासन को कोई भी वित्तीय भार नहीं आएगा। संघ ने मुख्यमंत्री जी से केडर की पदोन्नति को संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। पदोन्नति नही होने से आक्रोशित ब्याख्याता अब आंदोलन पर उतारू हो गए हैं। तीन दिसंबर को पहले चरण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन रायपुर में करेंगे।
इस आंदोलन के लिए प्रदेश भर के व्याख्याता, प्राचार्य अपनी सहमति दे चुके हैं और वह अपनी आवाज को बुलंद करेंगे। यदि इसके बाद भी विभाग ने पदोन्नति नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
एंबीकॉन 2021 एम्स में तीन से, राज्यपाल करेंगी उद्घाटन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 दिसंबर। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल बायोकैमिस्ट्स ऑफ इंडिया की 28वीं राष्ट्रीय एंबीकॉन-2021 तीन से पांच दिसंबर के मध्य अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित की जा रही है। इसमें देशभर के प्रमुख मेडिकल बायोकैमिस्ट्स बायोकैमेस्ट्री के क्षेत्र में आ रहे अत्याधुनिक बदलावों पर चर्चा करेंगे और इन्हें अपनाने के लिए आवश्यक संसाधनों के बारे में नए चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। एंबीकॉन-2021 का उद्घाटन राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके तीन दिसंबर को करेंगी।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली एंबीकॉन-2021 इस वर्ष एम्स के बायोकैमेस्ट्री विभाग के तत्वावधान में आयोजित की जा रही है। इसमें दुनियाभर के प्रमुख मेडिकल बायोकैमिस्ट्स प्रतिभाग कर रहे हैं। तीन दिसंबर को राज्यपाल सुश्री उइके उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि होंगी। इसके बाद मेडिकल बायोकैमिस्ट्री के क्षेत्र में आ रहे बदलावों पर तीन से पांच दिसंबर तक विभिन्न तकनीकी सत्रों में चर्चा की जाएगी।
विभागाध्यक्ष प्रो. एली मोहापात्र ने बताया कि तकनीकी सत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, नए बायोमेकर्स के अनुप्रयोग, मॉलीक्यूलर डायग्नोसिस, ट्यूमर मार्कर, नवजात शिशुओं में सुनने की समस्या, जीनोम, मेटाबॉलिक डिसआर्डर जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। तीन दिवसीय राष्ट्रीय एंबीकॉन का समापन पुरस्कार वितरण के साथ पांच दिसंबर को होगा। प्री-कांफ्रेंस वर्कशाप के अंतर्गत दो दिसंबर को पांच विषयों पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 दिसंबर। भारत की आजादी के 75 साल पुरे होने के उपलक्ष्य में अध्ययन भ्रमण के अंतर्गत साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा किया गया। इस 13वें ‘इंटरनेशनल टुरिजम मार्ट’ का आयोजन पहली बार नागालैंड, कोहिमा में 27 से 30 नवम्बर तक किया गया।
उक्त कार्यक्रम में पुरे विश्व से 500 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम में एआईयू के द्वारा देश भर से 50 प्रतिभागीयों का चयन हुआ जिसमें से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के 3 प्रतिभागियों का चयन हुआ। जिसमें से 2 प्रतिभागी अशिती सिंह एवं काजल पाण्डे विधि अध्ययनशाला से तथा 1 प्रतिभागी मंजु वर्मा, फार्मेसी अध्ययनशाला से सम्मिलित हुई।
नागालैंड कोहिमा में 13वें इंटरनेशनल टुरिजम मार्ट के अंतर्गत आयोजित विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि कर रहे विधि अध्ययनशाला की प्रतिभागर काजल पाण्डे ने च्ीज प्रतियोता में विजयी स्थान प्राप्त किया। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है कि पुरे देश से चयनित 50 प्रतिभागीयों में 3 प्रतिभागी इस विश्वविद्यालय से है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशरी लाल वर्मा एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजीव चौधरी ने प्रतिभागीयों के उत्कष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
रायपुर, 2 दिसम्बर। प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज राजधानी रायपुर के आमापारा चौक स्थित आर डी तिवारी स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का अवलोकन किया। उन्होंने पूरे स्कूल परिसर का अवलोकन करते हुए स्कूल के विभिन्न कक्षाओं, स्मार्ट क्लास, भौतिकी एवं रसायन के प्रयोगशाला, लाइब्रेरी तथा अन्य सुविधाओं एवं उपलब्ध संसाधनों का अवलोकन किया।
मुख्य सचिव ने कक्षा सातवीं, आठवीं एवं 10 वीं तथा 12वीं कॉमर्स की स्मार्ट क्लास में बच्चों के साथ स्वयं बैठकर शिक्षकों द्वारा पढ़ाई जाने वाली विषयवस्तु को भी देखा। इस अवसर पर उन्होंने छात्र एवं शिक्षकों से चर्चा करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव भी बताएं।
मुख्य सचिव ने स्कूल में नगरीय निकाय ,स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर एवं स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों की बैठक भी ली। उन्होंने स्कूल में प्रवेशित बच्चों बच्चों ,नियुक्त शिक्षकांे सहित यहां के अधोसंरचना पर चर्चा की। उन्होंने स्कूल सोसायटी तथा पेरंेंटस मिंटिग की भी जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण योजना है यहां कक्षा पहली से बारहवीं तक सर्वसुविधायुक्त शिक्षा व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने अधिकारियों से बच्चों में ज्ञान, कौशल के साथ हिंदी के साथ इंग्लिश भाषा के प्रति रुझान भी बढ़ाने को कहा, जिससे वे राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा बिखेर सकें। उन्होंने इसके लिए स्कूल में ज्यादा से ज्यादा ग्रुप डिस्कशन कराकर बच्चों के अंदर की झिझक दूर करने, विषय-वस्तु के प्रति गहराई बढ़ाने, कम्युनिकेशन क्षमता बढ़ाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में भी जोर दिया।
इस अवसर पर रायपुर नगर निगम के आयुक्त प्रभात मलिक, रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अतिरिक्त प्र बंध् ा संचालक चंद्रकांत वर्मा, स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक के कुमार, राजीव गांधी शिक्षा मिशन समन्वयक के.एस.पटले, स्कूल के प्राचार्य तथा स्टाफ भी उपस्थित थे।
रायपुर 1 दिसम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां दामाखेड़ा (विकासखण्ड सिमगा) में कबीरपंथ के गुरू प्रकाश मुनि नाम साहेब की पुत्री के विवाह समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने नवदम्पति को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। श्री बघेल ने इस अवसर पर गुरू प्रकाश मुनि नाम साहेब से छत्तीसगढ़ की तरक्की एवं खुशहाली के लिए आशीर्वाद भी लिया। गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं सिंचाई मंत्री रविन्द्र चौबे, विधायक बेमेतरा आशीष छाबड़ा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं कबीरपंथ के अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
रायपुर, 1 दिसंबर। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों के पंजीयन एवं संस्थाओं के प्रस्ताव, स्वीकृति लॉक करने हेतु विभाग द्वारा लंबित विद्यार्थियों हेतु वर्ष 2021-22 के लिए तिथि निर्धारित की दी गई है।
इसके अनुसार विद्यार्थी द्वारा ऑनलाईन आवेदन हेतु (नवीन एवं नवीनीकरण) के लिए अंतिम तिथि 1 दिसंबर से बढ़ाकर 15 दिसंबर 2021 तक की गई है। इसी तरह ड्रॉफ्ट प्रपोजल लॉक करने की अंतिम तिथि अब 22 दिसंबर की जा सकती है। सेंक्शन ऑडर लॉक करने हेतु तिथि बढ़ाकर 27 दिसंबर तथा डिसबर्स (शासकीय/अशासकीय) के लिए तिथि 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई है।
आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त ने रायपुर जिला अंतर्गत संचालित शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कालेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक आदि के संस्था प्रमुख, छात्रवृत्ति प्रभारी एवं उनमें अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों जिन्हें विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण की पात्रता है, को सूचित किया है कि सत्र 2021-22 हेतु ऑनलाईन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 12वीं से उच्चतर) के आवेदन स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाही वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाना है।
उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथियों के पश्चात् शिक्षा सत्र 2021-22 की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु आवेदन स्वीकृत नहीं किये जायेंगे एवं ड्रॉफ्ट प्रपोजल लॉकए सेंक्श्न ऑडर लॉक अथवा डिसबर्स करने का अवसर भी प्रदान नही किया जायेगा। इन तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नहीं करने पर यदि संबंधित संस्थाओं के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते है, तो इसके लिए संस्था प्रमुख स्वत: जिम्मेदार होगे।
छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के नवनियुक्त सदस्यों का सीएम ने किया स्वागत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के प्रथम परिचयात्मक बैठक में नवनियुक्त सदस्यों का स्वागत किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध है। देश-दुनिया में इसे सामने लाने की जरूरत है। उन्होंने परिषद के सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए छत्तीसगढ़ की संस्कृति के गौरव को आगे लाने के लिए मिलजुल कर तेजी से काम करने का अनुरोध किया।
सीएम ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद में कला संस्कृति और इससे जुड़ी विधाओं के विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है, जिससे की छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति और साहित्य को देश में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि परिषद के माध्यम से राज्य की प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सल प्रदेश के रूप में थी। नई सरकार के गठन के बाद पिछले तीन वर्षों में किसानों और खेती-किसानी, आदिवासियों के विकास और संस्कृति संरक्षण-संवर्धन के क्षेत्र में बहुत से कार्य हुए हैं, इससे राज्य की तस्वीर बदल रही है।
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण सांस्कृतिक आधार पर हुआ है। परिषद में नवनियुक्त सदस्यों की महती जिम्मेदारी है कि राज्य के सांस्कृतिक पक्षों के सकारात्मक पहलूओं को देश-दुनिया के सामने बेहतर ढ़ंग से प्रस्तुत करने अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि परिषद के कार्यो के बेहतर संचालन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
बैठक में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के उपाध्यक्ष एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को समग्र रूप से आगे बढ़ाने के लिए परिषद के माध्यम से एक नई शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए गठित किए गए विभिन्न अकादमियों और संस्थाओं को एक छत के नीचे समग्र रूप से काम करने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश को जो ऊंचाईयां मिली उसमें छत्तीसगढ़ का बहुत बड़ा योगदान था। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद यहां की संस्कृति को देश में नई ऊंचाई देने के लिए छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिषद का गठन किया गया है। इससे राज्य की सांस्कृतिक प्रतिभाओं को आगे बढऩे का अवसर मिलेगा।
बैठक में खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री ममता चन्द्राकर, संस्कृति विभाग के सचिव अंबलगन पी., संचालक विवेक आचार्य, कला विशेषज्ञ जयंत देशमुख, नवल शुक्ला, भूपेश तिवारी, योगेंद्र त्रिपाठी, नृत्य विशेषज्ञ सुश्री वासंती वैष्णव, कालीचरण यादव, ललित कुमार, रामकुमार तिवारी, ईश्वर सिंह दोस्त, चित्रकला-मूर्तिकला विशेषज्ञ सुश्री सुनीता वर्मा, नाट्य विशेषज्ञ भूपेन्द्र साहू उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे प्रदूषण मुक्त रायपुर के साथ युद्ध नशे के विरूद्ध जनजागरण अभियान तीन तारीख से शुरू कर रहे हैं।
श्री दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रें स में बताया कि शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जनसहयोग से हर महीने की 3 तारीख को नो व्हीकल डे अभियान का आगाज किया था जिसका अंजाम भी सार्थक रहा। लोगों में साइकिल चलाने की भावना जागृत हुई, और पांच वर्षों में 30 हजार से ज्यादा साइकिल बिकी।
उन्होंने कहा कि अब नए अभियान युद्ध नश के विरूद्ध के लिए रायपुर की जनता का अभियान बनाकर इसे जनआंदोलन का स्वरूप दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध फिल्म कलाकार पद्मश्री अनुज शर्मा युवाओं को शपथ दिलाकर नशा मुक्त रायपुर अभियान की शुरूआत करेंगे।
दुबे ने बताया कि साइकिल रैली प्रात: 7.15 सुंदरनगर गेट से प्रारंभ होकर बूढ़ातालाब के पास समापन होगी जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग सम्मिलित होंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 71 माह से लगातार इस अभियान को अलग-अलग वार्डों में प्रदूषण मुक्त रायपुर के लिए वृहद वृक्षारोपण चलाया गया। कोरोना काल में उक्त अभियान को 1 वर्ष के लिए स्थगित रखा गया था जिसे पुन: युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान को जोडक़र शुरू किया जाएगा।
प्रत्येक माह की 3 तारीख को साइकिल रैली निकाल कर रायपुर शहर की बस्तियों में नशा मुक्त अभियान चलाया जाएगा। साथ ही युवाओं को नशे से दूर रहने तथा इससे होने वाले नुकसान के बारे में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया जाएगा।
प्रमोद दुबे ने कहा कि रायपुर शहर को नशा मुक्त करने के लिए शहरवासियों ने पहला कदम उठा लिया है और इसी कड़ी में नए वर्ष में अपने शहर को प्रदूषण मुक्त एवं नशा मुक्त शहर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाएंगे। साथ ही माह के 1 दिन पैदल, साइकिल या पल्बिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर अपने शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में दृढ़ निश्चय करेंगे।
रायपुर, 1 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सरकार द्वारा जारी अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन के साथ ट्वीट कर राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने डॉ रमनसिंह के कार्यकाल के अंतिम वर्षो में नियमों के आड़ में विधान सभा चुनाव के पहले जबरिया सेवानिवृत्त कर नौकरी हटाए दिए गए कर्मचारियों को किये गये वायदे के अनुसार पुन: सेवा में बहाल करने का मांग किया है।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की नई सरकार के पदारूढ़ होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनिवार्य जबरिया सेवानिवृत्त किये गए सभी कर्मचारियों को पुन: सेवा में बहाल करने का भरोसा दिया था और सारे समाचार पत्रों में बड़े बड़े विज्ञापन जारी कर जबरिया सेवानिवृत्त के शिकार लोगो को पुन: सेवा में बहाल करने का वादा किया था जो इस सरकार के तीन साल बीतने के बाद अब भरोसा टूटने लगा है,क्योकि मिली जानकारी अनुसार प्रकरण की नस्ती विभागों से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद जुलाई 19 से केबिनेट में रखे जाने हेतु लंबित है जो सामान्य प्रशासन विभाग में लटकाये रखे जाने के कारण पुन: बहाली के प्रकरण अंतिम निर्णय हेतु मंत्रालय विलम्बित पड़ा हुआ है और बहाली के निर्णय देरी होने से प्रभावित कर्मचारी परिवार का हाल बेहाल होता जा रहा है।
राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष एवं पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने विज्ञप्ति में आगे बताया है कि तत्कालीन डॉ रमन सरकार में जबरन रिटायर किए गए शासकीय सेवकों की बहाली के लिये अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए शासकीय सेवकों के अभ्यावेदनों पर विचार हेतु वर्तमान सरकार ने सभी विभागों को 18 नवम्बर 19 को आदेश जारी कर दिशा-निर्देश दिया था। कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरा करने पर छानबीन समिति की अनुशंसा पर अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए।
शासकीय सेवकों के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर विचार किया जाए और साथ यह भी निर्देश था कि यदि किसी प्रकरण में यह तय हो जाता है कि जिस व्यक्ति को रिटायर किया गया है, उसे यदि उनके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर विचारोपंरात पुन: सेवा में लिया जाए, तो सेवानिवृत्ति की तिथि तथा पुन: सेवा में लेने के बीच की अवधि का नियमितिकरण मूलभूत नियम54(ए) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार किया जाए,तदनुसार शासन के निर्देश के पालन में विभागों ने अपनी जानकारी समयसीमा में सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत कर दिया है।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि जबरिया सेवा से रिटायर के शिकार लोगों को तथा कर्मचारी संगठनों को भी प्रत्यक्ष भेंट पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र बहाली का विश्वास दिया था और कुछ मन्त्रियों एवं कांग्रेस के विधयकों ने पुन: बहाली हेतु मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है, मगर सभी कवायद मंत्रालय के गलियारों में जाकर गुम हो गई है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि जैसे ही सरकार बदली जबरिया सेवानिवृत्त किये गये कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विधायकों के माध्यम से, कर्मचारी संगठनों के साथ और व्यक्तिगत रुप से भेंट कर पत्राचार व चर्चा कर बाल बच्चों का हवाला देकर सेवा में पुन: बहाल करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भी सबको भरोसा दिया कि वे सबको सेवा में बहाल करेगें। अधिकारियों को लिखित, मौखिक निर्देश दिये गये, मगर आज तक केवल हाईकोर्ट के निर्देश पर कुछ बहाली को छोडक़र अन्य बाकी बचे किसी भी प्रकरण पर शासन से अंतिम निर्णय नही हो सका है। मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अनेक प्रकरण अंतिम निर्णय हेतु सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन में करीब 1 साल से लटकी पड़ी है, क्योंकि अधिकारियों को इसमें कोई रूचि नही है और मुख्यमंत्री के कानों तक यह बात किसी माध्यम नही पहुँचाई जा सकी है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश के शिकार लोग हर केबिनेट बैठक में अपने मुद्दे पर निर्णय के इंतजार में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल के भरोसे पर विश्वास कायम रखें हुये हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर एड्स एवं एचआईव्ही के नियंत्रण व रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, शासकीय विभागों, संस्थाओं, समितियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा स्वयंसेवी संगठनों को सम्मानित किया।
उन्होंने सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन के कन्वेन्शन हॉल में आयोजित समारोह में कुल 53 व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना संचालक नीरज बंसोड़ और अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एसके बिंझवार भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एचआईव्ही-एड्स पीडि़तों के साथ भेदभावमुक्त व्यवहार होना चाहिए। सामान्य नागरिकों की तरह उन्हें भी संविधानप्रदत्त सभी अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा तीसरा राज्य है जहां एचआईव्ही पीडि़तों के शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति की गई है। एचआईव्ही-एड्स पीडि़तों को सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
श्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार जन-स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील है। एचआईव्ही-एड्स पीडि़तों के लिए प्रदेश में 150 परामर्श एवं जांच केंद्र तथा आठ एआरटी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जल्दी ही तीन और एआरटी केंद्र शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एड्स एवं एचआईव्ही के नियंत्रण और रोकथाम में यह बड़ी चुनौती है कि बहुत से लोग अपनी एचआईव्ही अवस्था से अंजान हैं।
ऐसे लोगों को स्वैच्छिक परामर्श एवं मार्गदर्शन की जरूरत है। श्री सिंहदेव ने एड्स के नियंत्रण एवं रोकथाम में सहयोग के लिए आज सम्मानित हुए सभी लोगों और संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान की दिशा में भी काम करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि एड्स के विरूद्ध लड़ाई में आगे भी आप लोगों का सहयोग मिलता रहेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी रक्तदान बढ़ाने में हम सफल होंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में सबको स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में और दूर दराज के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना संचालित है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाट बाजारों में आये ग्रामीणों का इलाज करने के लिए जिला अस्पतालों से मोबाईल क्लीनिक लगाई जाती है, जिसमें चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ चिकित्सा उपकरणों एवं दवाईयां लेकर जाते हैं और चिकित्सकों के परीक्षण के उपरांत मरीज का इलाज एवं जरूरी दवाएं दी जाती है और जरूरत पडऩे पर मरीज को दूसरे अस्पताल में रिफर किया जाता है। प्रदेश में 14 लाख 86 हजार 238 से ज्यादा मरीजों का इलाज हाट बाजार क्लीनिकों में किया जा चुका है।
बिलासपुर जिले में भी इस वर्ष अब तक 24 हाट-बाजारों में 426 मोबाइल क्लीनिक लगाकर लगभग 53 हजार 953 ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार एवं स्वास्थ्य संबंधी परामर्श एवं नि:शुल्क दवाईयां प्रदान की गई है। जिसमें 26 हजार 152 महिलाएं और 27 हजार 801 पुरूष शामिल है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत जिले में आवश्यकता अनुरूप तथा गांवों से स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी के आधार पर 24 हाट बाजारों का चिन्हांकन किया गया है। प्रत्येक हफ्ते डेडिकेटेड टीम के माध्यम से इन हाट बाजारों में आने वाले ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा उन्हें आवश्यक उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।
बिल्हा विकासखंड में चार गांवों के हाट-बाजार चिन्हांकित हैं जहां सोमवार को ग्राम सेलर, मंगलवार को मंगला, बुधवार को खैरा (डगनिया) गुरुवार को सिलपहरी, शुक्रवार को सेंदरी, और शनिवार को लगरा में मोबाइल क्लीनिक पहुंचती है। इसी तरह कोटा के चार हाट बाजारों में सोमवार को ग्राम लालपुर, मंगलवार को ग्राम धूमा, बुधवार को रानीगांव, गुरुवार को आमागोहन और शुक्रवार को करगीखुर्द, शनिवार को झिंगटपुर में क्लीनिक पहुंचती है।
मस्तूरी विकासखण्ड में सोमवार को ग्राम पंधी महाल में, मंगलवार को ग्राम धनिया, बुधवार को भटचरौना, गुरुवार को सरसेनी और शुक्रवार को चिस्दा, शनिवार को जांजी में मोबाइल क्लीनिक आयोजित होती है। तखतपुर में सोमवार को लोखंडी, मंगलवार को तुर्काडीह, बुधवार को उसलापुर, गुरुवार को खम्हरिया, शुक्रवार को खरकेना तथा शनिवार को बांधा के हाट बाजार में मोबाइल क्लीनिक लगाई जाती है।
प्रत्येक हाट-बाजार में चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स अथवा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फॉर्मासिस्ट तथा पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता होते हैं। हाट-बाजारों के लिये डेडिकेटेड वाहन उपलब्ध कराये गये हैं जिनमें सभी प्रकार की आवश्यक औषधियां उपलब्ध रहती हैं। हाट-बाजार पहुंचने पर मोबाइल एप के माध्यम से लोकेशन मैपिंग की जाती है ताकि विभाग के अधिकारी को टीम के भ्रमण की सही जानकारी मिल सके। प्रत्येक दिन हाट-बाजार की समाप्ति पर लाभान्वितों की संख्या को एप के माध्यम से दर्ज किया जाता है।
इस वर्ष अब तक बिल्हा विकासखंड के 6 हाट बाजारों में 88 टीमों के माध्यम से 14 हजार 727 मरीजों का उपचार किया गया है। इसी तरह कोटा के 6 हाट-बाजारों में 119 टीमों द्वारा 12 हजार 455 मरीजों का जांच एवं उपचार किया गया। मस्तूरी के 6 हाट बाजारों में 121 टीमों द्वारा 12 हजार 798 मरीजों का उपचार किया गया तथा तखतपुर के 6 हाट बाजारों में 98 टीमों द्वारा 13 हजार 973 मरीजों को लाभान्वित किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 दिसंबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में छत्तीसगढ़ जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने उनकी समस्याओं पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि डॉक्टरों की पी.जी. काउंसिलिंग में करीब साल भर का विलंब हो रहा है, जिसके कारण बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नये बैच नहीं आने से उन पर कार्य भार बढ़ गया है और पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि उन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कम दी जा रही है, जिसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
कोविड के दौरान जो विशेष भत्ता दिया जाना था वह अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। साथ ही बांडेड और नॉन बांडेड चिकित्सकों के वेतन में काफी अंतर है। प्रतिनिधिमण्डल ने यह अंतर समाप्त किये जाने का आग्रह किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। सामान्य सभा में पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, और पार्षदों की नाराजगी के बाद मच्छरों के रोकथाम के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में अलग-अलग वार्डों में दवा का छिडक़ाव किया गया।
नगर पालिक निगम रायपुर के जोन क्र मांक 5 के स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जोन के तहत आने वाले महंत लक्ष्मीनारायण दास वार्ड नम्बर 43 के विभिन्न स्थानों पर जनहित में जनस्वास्थ्य सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए व्यापक रूप से हेंड फागिंग अभियान राजधानीवासियों को मच्छरों के प्रकोप से राहत दिलवाने चलाया गया।
नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, आयुक्त प्रभात मलिक, स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष नागभूषण राव ने नगर निगम के सभी जोन कमिश्नरों एवं जोन स्वास्थ्य अधिकारियों को समस्त 70 वार्डों में सतत मॉनिटरिंग करते हुए नियमित रूप से प्रतिदिन व्यापक फागिंग अभियान नागरिकों को मच्छरों को कारगर रूप से नियंत्रित करके राहत दिलवाने की दृष्टि से चलाया जाना प्रशासनिक तौर पर जोन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिये है।
दूसरी तरफ, भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने केवल फॉगिंग में 55 लाख रुपए का डीजल पर खर्च पर सवाल खड़े किए हैं, और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। वर्कशॉप से डीजल जोन कार्यालय और वार्डो तक पहुंच कर फॉगिंग करने के समय 10 ने से केवल 5 लीटर रह जाता है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भष्ट्राचार पर नियंत्रण नही कर पाने वाले निगम प्रशासन फॉगिंग को ही कम या बन्द करना चाह रही है , यदि फॉगिंग से मच्छरों पर असर नहीं होता तो अब तक फॉगिंग क्यों किया जा रहा था। अब जब भ्रष्टाचार पकड़ा जा रहा है तो फॉगिंग को कम करने की बात हो रही है। मच्छर को कैसे नियंत्रित करेंगे, जनता की परेशानी कैसे दूर होगी अधिकारियों का तर्क है कि अब एंटीलारवा छिडक़ाव को बढ़ाया जाएगा, नालियों में प्रतिदिन छिडक़ाव किए जाएंगे।
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे ने निगम के महापौर से प्रश्न किया है कि डीजल वार्ड में पहुंचते-पहुंचते 10 से 5 लीटर हो जाता था, अब एंटीलारवा के छिडक़ाव की दवाई की जगह पानी भी छिडक़ा जा सकता है।
इसकी जाँच कौन करेगा कि कितने लीटर में कितनी दवाई एंटीलारवा की डाली जा रही है, उसकी मात्रा सही है की नही यह कौन प्रमाणित करेगा। आवश्यकता है संसाधन का ईमानदारी से सही उपयोग और इसके लिए भ्र्ष्टाचार करने वालो पर नकेल कसना जरूरी है। जिनको भ्र्ष्टाचार पर नकेल कसना है यदि वही भ्र्ष्टाचार में शामिल हो जाये तो क्या होगा?
सामान्य सभा में भाजपा पार्षद दल ने मच्छरों से त्रस्त जनता , फॉगिंग में हो रहे भ्र्ष्टाचार और डीजल चोरी के सम्बंध में महापौर परिषद को कटघरे में खड़ा किया था।
रायपुर, 30 नवम्बर। खाद्य और संस्कृति मंत्री तथा गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने आज गरियाबंद जिले के विकासखण्ड देवभोग अंतर्गत ग्राम चिचिया और मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ किया।
इन दोनों नवीन धान खरीदी केंद्र खुलने से आसपास की 8 ग्राम पंचायतों के 1200 किसानों को फायदा होगा। मंत्री श्री भगत ने इस दौरान ग्राम चिचिया में ही 100 मिट्रिक टन क्षमता वाले खाद्य गोदाम का भी लोकार्पण किया। चिचिया और सरनाबहाल में धान खरीदी केन्द्र खुलने पर किसानों-ग्रामीणों में काफी हर्ष है। किसानों में इसके लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
श्री भगत ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली यह सरकार किसानों की सरकार है। छत्तीसगढ़ की 80 प्रतिशत लोग खेती-किसानी पर निर्भर है। राज्य सरकार किसानों हित में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग एक लाख करोड़ रुपये के बजट में 26 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में सीधे दे रहे है। हमारी सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का अल्पकालीन कृषि ऋण लगभग 10 हजार करोड रूपए का कर्ज माफ किया। समर्थन मूल्य में धान खरीदी के साथ-साथ सब्सिडी अनुदान की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। नक्सल प्रभाव के कारण वर्षों से विकास की मुख्यधारा से कटे रहे कई क्षेत्र अब विपरीत और कठिन परिस्थितियों के बावजूद आगे बढऩे लगे हैं। अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित दूरस्थ इलाकों के लोगों तक सुविधाएं पहुचांने की बड़ी चुनौती अब राज्य सरकार के दृढ़ निश्चय और मैदानी अमलों के हौसलों के आगे आसानी से हल होने लगी है। इसका एक उदाहरण सुकमा जिले के कोण्टा विकासखण्ड के नक्सल प्रभावित ग्राम पायतुलगुट्टा में आंगनबाड़ी केन्द्र की शुरूआत के रूप में सामने है।
यहां के निवासियों को अशिक्षा, पिछड़ेपन की वजह से कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ा है, जिसमें कुपोषण भी एक मुख्य समस्या बनकर उभर आई। कुपोषण से बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास सामान्य बच्चों की तुलना में कम हो जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने के संकल्प से सुदूर क्षेत्रों के महिलाओं और बच्चों को सुपोषित बनाने की शुरू हुई मुहिम वरदान साबित हुई है। इसके परिणामस्वरूप नक्सलवाद से पीडि़त ग्राम पायतुलगुट्टा भी अब कुपोषण से भी जंग लडऩे लगा है।
वर्ष 2019 में एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना कोन्टा के अन्तर्गत सेक्टर किष्टाराम 01 के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र पायतुलगुट्टा आंगनबाड़ी केन्द्र खुला। धुर नक्सल क्षेत्र होने के कारण कार्यकर्ता मिलना भी कठिन था, लेकिन वर्ष 2020 के जून में कार्यकर्ता सुश्री तोडेम पार्वती की नियुक्ति के बाद केन्द्र संचालित होना शुरू हो गया।
अब क्षेत्र के महिलाओं और बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तोडेम पार्वती और आंगनबाड़ी सहायिका श्रीमती पायम रूकमणी की मदद से शासन के नियमित टीकाकरण, ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण कार्यक्रम, वजन त्यौहार, पूरक पोषण आहार जैसी सुविधाओं का फायदा मिलने लगा है।
गृह भेंट कर कार्यकर्ता और सहायिकाएं लोगों तक शासन की योजनाओं, उचित खाने-पान की जानकारी देने के साथ कुपोषण दूर करने के कई उपाय समझा रही हैं। वर्तमान में केन्द्र में 18 बच्चे 01 गर्भवती एवं 04 शिशुवती महिलाएं पंजीकृत हैं। उन्होंने केन्द्र के 10 कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री सुपोषण केन्द्र में भर्ती करवाकर सुपोषण की ओर आगे बढ़ाया है।
पायतुलगुट्टा के ग्रामीण बताते हैं कि केन्द्र के नियमित संचालन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्तिं से गांव की कई समस्याओं का समाधान मिल गया है। पहले प्रसव घरों में ही होते थे, महिलाओं और परिवारों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता था। अब कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन से समय पर खान-पान में ध्यान देने के साथ गांव वाले इलाज भी कराने लगे हैं। कार्यकर्ता ग्रामवासियों को प्रोत्साहित कर किष्टाराम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में टीकाकरण करवाने और गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु लेकर जाती हैं। राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत किष्टाराम में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर का भी आयोजन किया। शिविर में बच्चों तथा माताओं की जांच के साथ उन्हें विशेष दवाईयों, प्रोटीन पाउडर तथा अन्य नि:शुल्क सामग्री वितरण का लाभ मिला।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मणिपुर आतंकी हमले में छग रायगढ़ के वीर जवान कर्नल विप्लव त्रिपाठी, पत्नी अनुजा त्रिपाठी एवं पांच वर्षीय पुत्र अबीर त्रिपाठी के शहादत को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की।
विस अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने रायगढ़ निवासी शहीद के पिता वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी को ढांढस बधांते हुए कहा कि, विप्लव ने अपनी छोटी सी उम्र में बड़ा नाम कमाया है छत्तीसगढ़ सहित समूचा देश उनके इस बलिदान को सदैव याद रखेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से मंगलवार को यहां राजभवन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भेंट की। इस अवसर पर गुजरात की प्रथम महिला श्रीमती दर्शना देवी भी उपस्थित थीं।
आचार्य देवव्रत ने छत्तीसगढ़ राजभवन का अवलोकन किया और यहां की व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा, इड़हर कढ़ी तथा चौलाई भाजी का स्वाद चखा और उसे स्वादिष्ट बताया।
राज्यपाल सुश्री उइके ने गुजरात के राज्यपाल को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, यहां के भौगोलिक परिवेश, प्राकृतिक सौंदर्य, यहां के धान की अनेक प्रजातियों, अपार वन संपदा, आदिवासियों के रीति-रिवाज आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहां के वनवासियों की जीविका का प्रमुख साधन लघु वनोपज है। आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध है।
वे परंपरागत रूप से बेलमेटल, काष्ठशिल्प आदि बनाते हैं और इनके द्वारा बनाए गए उत्पाद देश-विदेश में भी पसंद किये जाते हैं।
सुश्री उइके ने उन्हें राजभवन का भ्रमण कराया। गुजरात के राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ राजभवन की अत्यंत सराहना की। उन्होंने लॉन में बनाए गए ओपन जिम और दरबार हॉल की अत्यंत प्रशंसा की। उन्होंने सुश्री उइके को उनके द्वारा प्राकृतिक खेती को दिये जा रहे प्रोत्साहन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा और गुजरात में भी वे किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने यहां दुर्ग जिले के किसानों से भी भेंटकर उन्हें प्राकृतिक खेती से कम लागत में अधिक उत्पादन होने और अन्य लाभों के बारे में जानकारी दी है। आचार्य देवव्रत ने सुश्री उइके और सभी अधिकारियों को गुजरात आने का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल के परिसहाय श्री यशपाल जगनिया एवं विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार उपस्थित थे।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत के राजभवन आगमन पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलखो एवं उप सचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल ने स्वागत किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर आचार्य देवव्रत को सम्मानित किया। गुजरात के राज्यपाल ने भी सुश्री उइके को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। छत्तीसगढ़ में हो रहे तीव्र औद्योगिक विकास का ही परिणाम है कि पिछले तीन सालों में ही बड़े, मध्यम, मेगा, माइक्रो तथा छोटे उद्योगों की कुल 1751 इकाईयां स्थापित हुईं हैं। इन औद्योगिक समूहों के द्वारा कुल 195 करोड़ 50 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया गया है। जिससे इन इकाईयों में 32 हजार 912 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में राज्य में उद्योगों के विकास एवं निवेश का बेहतर महौल तैयार हुआ है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति से कृषि और वनोपज आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। खनिज आधारित उद्योगों को हर तरह का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा, अल्ट्रा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज की व्यवस्था की गई है। मेगा निवेश के लिए इस पैकेज में अधिकतम 500 करोड़ रूपए तक निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
बस्तर संभाग के लिए 1 हजार करोड़ का निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निवेशकों को सिर्फ छूट और सुविधा ही नहीं दी जा रही है बल्कि इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि प्रदेश में आसानी के साथ उद्योग स्थापित हो सकें। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन के लिए भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। भू-भाटक में एक प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज फ्री होल्ड करने के लिए नियम बनाए गए हैं। औद्योगिक भूमि और भवन प्रबंधन नियमों का सरलीकरण किया गया है।
कोरोना संकट काल के लॉकडाउन के दौरान पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित रहा ऐसे स्थिति में छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत भी अछूता न रहा। इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के तीन वर्षों के कार्यकाल में 8 बड़े उद्योग लगे जिसमें मैनेजमेंट के तहत 132 एवं कुशल श्रेणी के 409 तथा अन्य 432 अकुशल श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत है। इन औद्योगिक समूहों द्वारा 430 करोड़ 34 लाख रूपए का निवेश किया गया है। मध्यम श्रेणी के 33 उद्योगों में 322 कर्मचारी मैनेजमेंट के तहत एवं 868 कुशल श्रेणी तथा 1249 अकुशल कर्मचारी कार्यरत है। मध्यम श्रेणी के उद्योगों में 303 करोड़ 75 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया है। मेगा श्रेणी के चार उद्योगों में 387 कर्मचारी मैनेजमेंट के अंतर्गत एवं 1635 कुशल श्रेणी के तथा 364 अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। इन उद्योगों में एक हजार 388 करोड़ 80 लाख रूपए का निवेश किया है। माइक्रो श्रेणी के उद्योगों के 292 उद्योगों में 344 मैनेजमेंट कर्मचारी एवं 707 कुशल तथा 1125 अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। उक्त उद्योगों में 130 करोड़ 73 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया है। विभिन्न छोटे श्रेणी के 494 उद्योगों में 839 कर्मचारी मैनेजमेंट में एवं 1871 कुशल तथा 3415 अकुशल कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन छोटे उद्योगों के द्वारा कुल 942 करोड़ 62 लाख रूपए का पूंजी का निवेश किया गया है।
रायपुर, 30 नवम्बर। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज ने धान खरीदी के लिए 25त्न बारदाना किसानों से लाने की अनिवार्यता संबंधी आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है ।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार देर से धान खरीद रही है दूसरी तरफ नित नए जटिल नियम निकालकर किसानों को हलाकान करने में लगी है। उन्होंने कहा कि नया नियम लागू होने से खाली बारदाने के लिए किसानों को बाजार में भटकना पड़ेगा , यदि बाजार में खाली बारदाना उपलब्ध है तो सरकार ही क्यों ना बाजार से खाली बारदाना खरीद लेती। श्री बजाज ने कहा कि बाजार में खाली बारदाने का मूल्य 40 से 42 रुपये प्रति नग है जबकि नए नियम के मुताबिक सरकार किसानों को प्रति बारदाना मात्र 18 रु रिफंड करेगी यानी प्रति नग 24 रु का नुकसान होगा। श्री बजाज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूरी तरह अफसरशाही हावी है तथा भूपेश सरकार अफसरों के इशारे पर चल रही है।
उन्होंने कहा कि मौसम की बेरुखी से किसान वैसे भी परेशान है। धान की कटाई, दुलाई एवं मिंजाई कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बचे खुचे धान का जतन करना किसानों के लिए कठिन हो गया है ऊपर से सरकार ने नए फरमान जारी कर किसानों को समस्या में डाल दिया है।
श्री बजाज ने टोकन के लिए आज बालोद जिले में हुई भगदड़ के लिए शासन को जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने तुगलकी निर्णय वापस नहीं लिया तो इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति होती रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। भाजपा में दुर्ग के तीनों नगर निगमों में प्रत्याशी चयन को लेकर खींचतान चल रही है। तीनों निगमों में राज्यसभा सदस्य सरोज पाण्डेय, और विरोधी खेमा आमने-सामने है। ऐसे में टिकट नहीं मिलने की दशा में बड़े पैमाने पर असंतुष्ट निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद सकते हैं। मंगलवार को ज्यादातर निकायों के उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं।
नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों ने जल्द से जल्द प्रत्याशी घोषित करने के लिए दबाव बनाया है। बीरगांव में तो प्रभारी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की पहल पर जिला चयन समिति की बैठक हो चुकी है, और यहां सभी वार्डों के लिए एक से अधिक नामों का पैनल तैयार किया गया है। सूत्र बताते हैं कि मंगलवार को संभागीय चुनाव समिति की बैठक होगी, और बीरगांव नगर निगम के साथ ही गोबरा नवापारा के एक वार्ड के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे।
दूसरी तरफ, दुर्ग जिले की तीनों नगर निगम भिलाई, भिलाई-चरौदा, और रिसाली के प्रत्याशी चयन पर विवाद चल रहा है। राज्यसभा सदस्य सरोज पाण्डेय भले ही बैठक में नहीं हैं, लेकिन उनके करीबी लोग अपने लोगों को ज्यादा टिकट दिलवाने पर जोर दे रहे हैं। सोमवार को भिलाई के एक होटल में जिले की बैठक भी हुई मगर ज्यादातर जगहों पर पैनल ही बन पाया है।
सांसद विजय बघेल, रिसाली के अलावा भिलाई-चरौदा, और जामुल नगर पालिका में अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। यही नहीं, भिलाई में पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, विद्यारतन भसीन, और उनके समर्थक अपने-अपने लोगों को टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। यहां भी संगठन खेमा अपने-अपने लोगों को टिकट दिलवाने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। कुल मिलाकर यहां भी विवाद की स्थिति है।
यह भी कहा जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने पर असंतुष्ट नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद सकते हैं। कुल मिलाकर मंगलवार को संभागीय चुनाव समिति की बैठक में सारी तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू हो रही है, लेकिन कई जगहों पर अभी टोकन नहीं बंटना शुरू हुआ है। बताया गया कि जिलों में बारदाने के लिए स्थानीय स्तर पर अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। मसलन, कई जगहों पर 25 फीसदी बारदाने किसानों से लिए जाएंगे।
धान खरीदी में इस बार बारदाने का संकट गहरा सकता है। यही वजह है कि सरकार ने किसानों के बारदाने से धान खरीदी की छूट दे दी है। कई जिलों में 25 फीसदी बारदाने किसानों के होंगे। जबकि कुछ जगहों पर आधे बारदाने किसानों से लिए जाएंगे। पिछले साल की तरह इस बार भी सभी धान खरीदी केंद्रों में आर्द्रतामापी का उपयोग होगा। जहां धान की नमी की जांच किए जा सके।
बताया गया कि धान किसी भी स्थिति में 17 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर धान क्रय नहीं किया जाएगा। इधर अधिकारियों ने कांटा-बांट एवं धर्मकांटा के सत्यापन कराने, आर्द्रतामापी यंत्र के ट्रायल के निर्देश भी दिए हैं। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए औसत अच्छी किस्म (एफएक्यू) के धान एवं मक्का के खरीदी के लिए धान कामन के लिए 1940 रुपये प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए के लिए 1960 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का के लिए 1870 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य के किसानों से धान की नकद व लिकिंग में खरीदी एक दिसंबर से 31 जनवरी 2022 तक की जाएगी। समर्थन मूल्य पर किसानों से मक्का की खरीदी एक दिसंबर से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की जनजागरण पद यात्रा कोण्डागांव के डोंगरीगुड़ा से शुरू हुई लगभग 8 किलोमीटर का यह पदयात्रा पूरे शहर से होकर गुजरेगी।
पद यात्रा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, एआईसीसी के सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिव चंदन यादव, मंत्री कवासी लखमा, विधायक अनूप नाग, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन चन्द्रशेखर शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यश पूर्णचंद पाढ़ी शामिल हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। छत्तीसगढ़ की नायाब कारीगरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के पास विक्रय के लिए सुलभ कराया गया हे। दिल्ली स्थित संतुष्टि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स शॉप नंबर 35 न्यू विलिंगडन कैम्प लोक कल्याण मार्ग एयरफोर्स स्टेशन में विक्रय केन्द्र ‘‘संगवारी छत्तीसगढ़’’ का आज शुभारंभ छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य सभा सांसद फूलो देवी नेताम, छत्तीसगढ़ खादी ओर ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमति रेखा शुक्ला ओर दिल्ली नगर निगम की पार्षद यासमिन किदवई भी उपस्थित थी।
श्री तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि विक्रय केंद्र के खुल जाने से छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग के उत्पाद अब दिल्लीवासियों को ओर सहजता से सुलभ होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने कोरोना काल की विषम परिस्थिति में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में अपनी बढ़-चढक़र सहभागिता निभाई है और ग्रामीणों की आजीविका का साधन बना है। श्रीमती शुक्ला ने बताया कि, छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ग्रामीण अंचलों में रोजगार के अवसरों का सृजन कर ग्रामीणों में आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का बेहतर बाजार उपलब्ध कराता है। इसी कड़ी में संगवारी छत्तीसगढ़’’ नाम से यह विक्रय केंद्र देश की राजधानी में अपनी नई पहचान बनायेगा।
कारीगरों के उत्पाद होगे सुलभ- इस विक्रय केंद्र में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी शूटिंग वस्त्र, खादी सर्टिंग वस्त्र, खादी गमछा, खादी जैकेट, खादी कुर्ता, खादी पजामा, खेस चादर, कोसा साड़ी, कोसा कुर्ती पीस, जुट पर्स और बांस की बनी सिनरी, मिट्टी के प्रिंटेड थाली सेट और हर्बल सामग्रियों का विक्रय किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण फॉलोअप क्लिनिक का शुभारंभ हुआ। इस क्लिनिक की सुविधा शुरू होने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले रोगियों को अब बाहर किसी अन्य शहर में फॉलोअप के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एम्स का नफ्रोलॉजी विभाग यह सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही एम्स में अंग प्रत्यारोपण की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। इस संबंध में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही पूरी होते ही अंगों का प्रत्यारोपण प्रारंभ कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने अंगदान के लिए और अधिक जागरूकता फैलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अभी भी मृत शरीर या ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान करने के लिए आवश्यक जानकारी सामान्य वर्ग को उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष लगभग दो लाख लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट और 50 हजार को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। ऐसे में आमलोगों को जागरूक बनाकर उन्हें ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए प्रेरित करना होगा।
उन्होंने इस संबंध में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एम्स में इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। सरकार से मंजूरी मिलते ही ट्रांसप्लांट प्रारंभ कर दिया जाएगा।
विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर के निर्देशन में किडनी दान करने वालों और रोगियों के साथ संवाद किया गया। इसमें अंगदान करने वालों ने बताया कि वह पूर्व के समान ही जीवनयापन कर रहे हैं। इससे उनके परिजन को जरूर एक नई जिंदगी मिल गई। कुलसचिव डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के विषय में बताया। डॉ. नीता मिश्रा ने क्रानिया ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में प्रो. सोमेन मिश्रा, डॉ. सुब्रतो सिंघा, डॉ. अंकुर श्रीवास्तव, डॉ. अभिरूचि गल्होत्रा आदि ने भी भाग लिया।
इससे पूर्व नेफ्रोलॉजी विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के द्वारा वॉकाथान का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने अंगदान के प्रति जागरूकता पैदा की।
इस अवसर पर एक पोस्टर प्रदर्शनी भी आयोजित हुई जिसमें रोगियों और उनके परिजनों को अंगदान के बारे में कई उपयोगी जानकारियां प्रदान की गई।
रायपुर, 29 नवम्बर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ नवम्बर 2016 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर देने की मांग करेगा। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर एवं प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को विश्वविद्यालय पर नियम 31 एवं कार्य परिषद के निर्णय अनुसार शासन की स्वीकृति की प्रत्याशा में सातवें वेतनमान मिल रहा था लेकिन सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारियों को शासन की स्वीकृति आदेश नहीं मिलने के कारण छठे वेतनमान के आधार पर पेंशन निर्धारित किया जा रहा है। लगभग 6 वर्षों में दर्जनों कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
गौरतलब है कि संघ ने शासन की स्वीकृति की प्रत्याशा में सातवें वेतनमान के तीन किस्तों के एरियर को एकमुश्त भुगतान करने एवं अन्य मांगों को पूरा कराने के लिए 24 सितंबर 2021 से चरणबद्ध हड़ताल किया था।
जिसमें शासन द्वारा सातवें वेतनमान की स्वीकृति आदेश आया लेकिन एरियर का भुगतान नहीं करने पर 11 नवंबर 2021 से 17 नवंबर 2021 तक अनिश्चितकालीन हड़ताल किया गया तब विश्वविद्यालय ने सातवें वेतनमान के एरियर का एकमुश्त भुगतान किया एवं अन्य मांगों को अति शीघ्र पूरा करने का लिखित में आश्वासन दिया संघ सातवें वेतनमान के आधार पर सभी प्रभावित सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान के एरियर देने की मांग करेगा।