विशेष रिपोर्ट
![कटघोरा की लीथियम खदान की नीलामी में आधा दर्जन कंपनियों ने लगाई बोली कटघोरा की लीथियम खदान की नीलामी में आधा दर्जन कंपनियों ने लगाई बोली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1716122540G_LOGO-001.jpg)
देश में पहली बार लीथियम का खनन होगा
विशेष रिपोर्ट : शशांक तिवारी
रायपुर, 19 मई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लीथियम की खदान की नीलामी करा रही है। बताया गया कि कटघोरा स्थित लीथियम की खदान के लिए आधा दर्जन से अधिक कंपनियों ने बोली लगाई थी, और जून के पहले पखवाड़े में टेंडर ओपन होगा। खास बात यह है कि देश की पहली खदान होगी जहां लीथियम का खनन शुरू होगा।
जीएसआई के सर्वे में कोरबा जिले के कटघोरा में लीथियम खदान होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से केन्द्र सरकार ने सर्वे को आगे बढ़ाकर नीलामी की दिशा में कदम बढ़ाया है। कोरबा जिले के कटघोरा इलाके के करीब दो सौ हेक्टेयर क्षेत्र में लीथियम मिलने की पुष्टि हुई है। इसके बाद केन्द्र सरकार ने कम्पोजिट लाईसेंस जारी कर नीलामी को मंजूरी दी है।
सूत्रों के मुताबिक कटघोरा के लीथियम खदान की ऑनलाईन नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुनाव आचार संहिता की वजह से टेंडर ओपन नहीं किए गए हैं। बताया गया कि आधा दर्जन कंपनियां, जिनमें अडानी, टाटा, जेएसपीएल, और वेदांता आदि ने लीथियम खदान की नीलामी में बोली लगाई है। अब जून के पहले पखवाड़े में टेंडर ओपन किए जाएंगे।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक चयनित कंपनी को कम्पोजिट लाईसेंस जारी किए जाएंगे जिसमें पीएल (प्रॉस्पेक्टिंग के बाद) के बाद माइनिंग भी कर सकेगी। कहा जा रहा है कि देश की पहली खदान होगी, जहां लीथियम का खनन होगा।
लीथियम की डिमांड
लीथियम के मामले में भारत अब तक चीन पर निर्भर रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में लीथियम का उपयोग होता है। इसकी वजह से दुनिया भर में लीथियम की भारी डिमांड है।
पिछले कुछ वर्षों में देश के कई राज्यों में लीथियम की खदान होने की पुष्टि हुई है, यह बात जीएसआई के सर्वे में सामने आई है। लीथियम को केन्द्र सरकार ने क्रिटिकल मिनरल की श्रेणी में रखा है, और इसकी नीलामी भी सीधे केन्द्र सरकार कर रही है। राज्य को उत्खनन से भारी-भरकम राजस्व मिलने की उम्मीद है।
इस साल राज्य सरकार ने खनिज मद से 15 हजार करोड़ रूपए के राजस्व का लक्ष्य तय किया है। इसकी पूर्ति के लिए ऐसे ही खनिजों के खदानों को ओपन किया जाना है। पिछले सप्ताह केन्द्रीय खनन सचिव कांता राव ने रायपुर प्रवास के दौरान इस श्रेणी के सभी खदानों को सूचीबद्ध कर केन्द्र को भेजने के निर्देश दिए थे।