विशेष रिपोर्ट
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स्वास्थ्य मंत्री अपने इलाके से नहीं दिला पाए बढ़त
प्रदेश में सबसे ज्यादा एक लाख से अधिक वोटों की बढ़त रायपुर ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 5 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 66 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस 14 सीटों पर ही बढ़त बना पाई। प्रदेश में सर्वाधिक बढ़त रायपुर ग्रामीण से एक लाख से अधिक वोटों की रही जो कि भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल को मिली। दिलचस्प बात यह है कि सरकार के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल अपनी विधानसभा सीट मनेन्द्रगढ़ से भाजपा प्रत्याशी को बढ़त नहीं दिला पाए।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल से परे सीएम और बाकी मंत्रियों की सीटों से पार्टी प्रत्याशी को बढ़त मिली है। सीएम विष्णु देव साय, वित्तमंत्री ओ.पी.चौधरी, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, लखन लाल देवांगन, टंकराम वर्मा, और दयालदास बघेल के क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को विधानसभा चुनाव से ज्यादा बढ़त मिली है। मसलन, सीएम विष्णु देव साय खुद 27 हजार वोटों से जीते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके विधानसभा क्षेत्र कुनकुरी से भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया को 40 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली है।
इसी तरह बृजमोहन अग्रवाल अपने क्षेत्र रायपुर दक्षिण से 89 हजार से अधिक वोटों की बढ़त हासिल की। वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी खुद करीब 65 हजार वोटों से जीते थे, लेकिन रायगढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी को चौधरी की विधानसभा सीट रायगढ़ शहर से करीब 70 हजार मतों की बढ़त मिली। इसी तरह उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन की विधानसभा सीट कोरबा से भाजपा प्रत्याशी को 47 हजार वोटों की बढ़त हासिल हुई। इसी तरह राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की बलौदाबाजार सीट से भाजपा प्रत्याशी को करीब 59 हजार मतों की बढ़त मिली। इसके अलावा रामविचार नेताम और दयालदास बघेल की सीट में भी पार्टी प्रत्याशी का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
दोनों डिप्टी सीएम पिछड़े
सरकार के दोनों डिप्टी सीएम अरूण साव और विजय शर्मा की सीट क्रमश: लोरमी व कवर्धा में पार्टी प्रत्याशी का प्रदर्शन फीका रहा। बिलासपुर लोकसभा की लोरमी सीट से भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू मात्र 484 वोटों की बढ़त मिल पाई जबकि खुद अरूण साव करीब 49 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे।
इसी तरह विजय शर्मा की सीट कवर्धा में भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे मात्र साढ़े 10 हजार वोटों की बढ़त बना पाए। जबकि विजय शर्मा खुद करीब 40 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। इसी तरह महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के क्षेत्र सरगुजा के भटगांव से पार्टी प्रत्याशी चिंतामणि महाराज को करीब 17 हजार वोटों की बढ़त मिल पाई। जबकि लक्ष्मी राजवाड़े खुद 43 हजार वोटों से चुनाव जीती थी। इसी तरह वनमंत्री केदार कश्यप के विधानसभा क्षेत्र नारायणपुर से भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप को करीब साढ़े 4 हजार वोट की ही बढ़त मिल पाई। जबकि खुद केदार 11 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे। मंत्रियों में अकेले श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र मनेन्द्रगढ़ से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय को बढ़त नहीं मिल पाई। जबकि खुद जायसवाल 15 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे।
दिग्गजों के इलाके से कांग्रेस पिछड़ी
नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरण दास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के इलाके से भी कांग्रेस पिछड़ गई। यही नहीं, बस्तर लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा खुद अपनी विधानसभा सीट कोंटा से पिछड़ गए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ.महंत की विधानसभा सीट सक्ती से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ.शिव डहरिया करीब 16 हजार वोटों से पीछे रह गए। जबकि डॉ. महंत खुद 12 हजार मतों से चुनाव जीते थे। यही नहीं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल की विधानसभा सीट पाटन से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल को 25 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली। जबकि भूपेश खुद विधानसभा चुनाव में विजय बघेल से करीब 19 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।
कांग्रेस को जिन 14 सीटों पर बढ़त मिली है उनमें जांजगीर-चाम्पा लोकसभा की जैजैपुर, पामगढ़, और बिलाईगढ़ है। इसके अलावा राजनांदगांव लोकसभा की मानपुर-मोहला, खुज्जी सीट पर बढ़त मिली है। कांकेर लोकसभा की भानुप्रतापपुर, डौंडीलोहारा सीट पर ही बढ़त मिली। बस्तर में बीजापुर और बस्तर से कांग्रेस को बढ़त मिली। इसी तरह कोरबा के एकमात्र रामपुर सीट कांग्रेस के पास थी जहां से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत बढ़त बनाने में कामयाब रही है।