विशेष रिपोर्ट

नवा रायपुर में करोड़ों की अनियमितता, ऑडिट में पुष्टि
20-May-2024 6:30 PM
नवा रायपुर में करोड़ों की अनियमितता, ऑडिट में पुष्टि

  आपत्तियों का निराकरण अब तक नहीं   

‘छत्तीसगढ़’  की विशेष रिपोर्ट

रायपुर, 20 मई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। नवा रायपुर बसाने के लिए सरकार ने हजारों करोड़ खर्च किए हैं, लेकिन पिछले दस साल से इन खर्चों की ऑडिट नहीं हुई है। बताया गया कि स्टेट ऑडिट विभाग ने शुरूआत के पांच सालों के खर्चों की ऑडिट की थी। इसमें करोड़ों की अनियमित भुगतान का खुलासा हुआ है। खास बात यह है कि ज्यादातर ऑडिट आपत्तियों का निराकरण भी नहीं किया गया है। 

एनआरडीए के चेयरमैन एस.एस.बजाज ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि नवा रायपुर के स्मार्टसिटी मद के खर्च की ऑडिट एजी कर रही है। मगर इससे पहले के खर्च की ऑडिट लोकल फंड ऑडिट करता आया है। लेकिन पिछले दस सालों के खर्च की ऑडिट हुई है या नहीं, इसकी जानकारी लेंगे। 

भूपेश सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर ने पदभार संभालते ही नवा रायपुर के खर्चों की ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। मगर इस दिशा में कांग्रेस सरकार में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले पांच साल में एनआरडीए के आधा दर्जन से अधिक सीईओ बदले गए। इसी बीच नवा रायपुर में निर्माण कार्य और अन्य योजनाओं के मद में अरबों रूपए खर्च हुए हैं, लेकिन इन खर्चों की कोई पड़ताल नहीं हुई।

दिलचस्प बात यह है कि लोकल फंड ऑडिट ने वर्ष 2005-06 से 2011-12 तक नवा रायपुर में खर्च की ऑडिट में करोड़ों की गड़बड़ी पकड़ी है। इसमें कई कंपनियों को अनियमित भुगतान का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में पैरामाऊंट प्लेसमेंट एजेंसी को 10 लाख से अधिक अनियमित भुगतान का खुलासा हुआ है। इसी तरह दिल्ली की कंपनी कंसलटिंग इंजीनियरिंग सर्विस के एग्रीमेंट और कार्य के भुगतान की मूल नस्ती ही गायब पाई गई है।  सीईएस कंपनी को एक करोड़ 14 लाख से अधिक की राशि निरर्थक कार्य का भुगतान होना पाया गया। 

रिपोर्ट में उक्त कंपनी को 30 लाख रूपए संदिग्ध भुगतान पाया गया। यही नहीं, इसी कंपनी से 12 लाख 40 हजार की राशि वसूली योग्य माना गया है। मुम्बई के आर्किटेक्ट उत्तमचंद जैन को नवा रायपुर में डिजाइन के लिए नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को विसंगतिपूर्ण माना गया है, और 52 लाख से अधिक का भुगतान अनियमित पाया गया। 

रिपोर्ट में नवा रायपुर में सलाहकारों को एक करोड़ 19 लाख से अधिक भुगतान का खुलासा किया गया। यह कहा गया कि सलाहकारों के भुगतान के दस्तावेज भी नहीं हैं। इसी तरह नवा रायपुर के फोरलेन सडक़ के निर्माण में कार्य से अधिक भुगतान का मामला भी पकड़ा है। करीब 45 लाख से अधिक का भुगतान किया गया है। 

मुआवजा भुगतान में अनियमितता
नवा रायपुर में जमीन के अधिग्रहण के एवज में किसानों को अनियमित भुगतान का मामला भी सामने आया है। लोकल फंड ऑडिट में असिंचित जमीन को सिंचित बताकर लाखों रूपए अधिक भुगतान किया गया। कई किसानों से वसूली अपेक्षित किया है। दो दर्जन से अधिक प्रकरणों में लाखों रूपए त्रुटिपूर्ण भुगतान का मामला सामने आया है। 

आरआई को संदिग्ध अग्रिम भुगतान
रिपोर्ट में राजस्व निरीक्षक पी.एल.साहू को 12 लाख से अधिक के अग्रिम भुगतान को संदिग्ध बताया है। इसी तरह नवा रायपुर के कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता के नाम पर अधिक भुगतान किया जाना पाया गया है। करीब सवा लाख से अधिक की राशि की वसूली अपेक्षित है। 

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