राजनांदगांव

धीरी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग, सौंपा ज्ञापन
03-Sep-2021 6:19 PM
धीरी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग, सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 सितंबर।
धीरी प्रोजेक्ट में की गई गड़बडिय़ों एवं भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाते कांग्रेस नेता विकास गजभिये ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कलेक्टर से की है। 
शहर जिला कांग्रेस कमेटी सचिव विकास गजभिये ने गत् दिनों कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते मांग की कि 28.77 करोड़ की लागत से धीरी नल-जल योजना का कार्य 23 गांव के लोागों को नदी से पानी मिले, इसके लिए यह योजना लाई गई थी, किन्तु कार्यपालन अभियंता एसएन पांडे द्वारा ठेकेदारों एवं अपने लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से इंटक वेल जो धीरी में बनना था, उसे बदलकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने ईरा में शिफ्ट कर दिया गया, जहां पानी ही पर्याप्त मात्रा में नहीं रूकता। वहां पानी योजना के लिए जितना जरूरी होता है, उतना वहां संग्रहित नहीं होता। 

उन्होंने कहा कि इनके द्वारा इंटक वेल भी तकनीकी दृष्टिकोण से गलत बनाया गया है एवं ऊंचाई पर इसका निर्माण कराया गया, जो कि गलत है। इंटकवेल का निर्माण नदी के उस भाग में किया जाता है, जहां योजना के संचालन के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहता है। गर्मी के दिनों में धीरी प्रोजेक्ट से संंबंधित विभिन्न गांव में पानी का संचालन पूर्ण रूप से बंद हो जाता है एवं योजना से पानी नहीं मिलने े कारण कई गांव में पानी के नाम से हाहाकार मचा रहता है। इसका मुख्य कारण गर्मी के दिनों में पानी के पर्याप्त मात्रा में संग्रहण न होना और नदी का सूख जाना तथा गलत जगह इंटकवेल बनाना है। 

श्री गजभिये ने ज्ञापन में कहा कि कार्यपालन अभियंता एसएन पांडे, ईश्वरदास वैष्णव, तारादेवी वैष्णव द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने एवं उक्त योजना में भ्रष्टाचार करने की नियत से न ही जल आरक्षण समिति जो शासन द्वारा निर्धारित है, से सहमति प्राप्त की गई और न ही जल संसाधन विभाग से कोई सहमति पत्र लिया गया कि उक्त योजना को इरा घाट से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त योजना में मेन्टेनेंस के नाम पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए गए, यदि मेन्टेनेंस कार्य की निष्पक्ष जांच की जाए तो भारी भ्रष्टाचार उजागर होगा। 

शिकायत की जाएगी 
उन्होंने कलेक्टर से मांग करते कहा कि धीरी प्रोजेक्ट में किए गए भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराकर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। यदि उक्त अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामवासी एवं कांग्रेस संगठन के लोगों द्वारा इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच एवं इनको हटाने मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री तथा विभागीय मंत्री से शिकायत की जाएगी और पीएचई विभाग का घेराव किया जाएगा।
 

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