राजनांदगांव
![अवैध शराब पकडऩा आरक्षक को महंगा पड़ा, तबादला अवैध शराब पकडऩा आरक्षक को महंगा पड़ा, तबादला](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630673530G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 3 सितंबर। नगर में अवैध शराब को पकडऩे वाले आरक्षक को पुरस्कार की जगह प्रताडऩा मिलने का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जन्माष्टमी पर्व के दौरान शुष्क दिवस घोषित किए जाने के पूर्व संध्या पर कोचियों द्वारा शराब दुकान से अवैध शराब की बड़ी खेप को एक आरक्षक द्वारा पकडऩा महंगा पड़ गया। उसे अनुशासनहीनता के चलते वापस सालेवारा भेजा गया है।
इस संबंध में थाना प्रभारी खैरागढ़ राजेश साहू का कहना कि संबंधित आरक्षक को अन्य जगह तैनात किया गया था लेकिन वह शराब दुकान पर अनुचित तरीके से पहुंच गया। मामले की जानकारी भी उसने अधिकारियों को नहीं दी। अनुशासनहीनता के चलते उसे वापस सालेवारा भेजा गया है। मामले में जांच कर रहे हैं। वहीं जीसी पति एसडीओपी खैरागढ़ का कहना है कि कोई मामला नहीं है ऐसा कुछ नहीं हुआ है
बताया जाता है कि धरमपुरा स्थित शासकीय शराब दुकान से बाजार अतरिया इलाके के बड़े कोचिए अवैध शराब की बिक्री करने बड़ी खेप निकाल रहे थे। इस दौरान शराब दुकान पहुंचने एक आरक्षक की नजर पड़ गई उसने शराब जब्त कर ली। इस दौरान कोचिए उक्त आरक्षक के साथ लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गए। आरक्षक ने आनन-फानन में 112 को कॉल कर मौके पर बुलाया।
आरक्षक द्वारा पकड़ी गई लगभग 11 पेटी शराब को 112 में भरकर थाने लाया गया। लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई की बजाय आरक्षक को ही खरी-खोटी सुना दी और ड्यूटी कर रहे आरक्षक को आनन-फानन में वापस सालेवारा भेज दिया गया। थाने में पहुंची ज़ब्त शराब को भी कोचियों को वापस किए जाने की जानकारी मिली है। जबकि 112 के संविदा चालक को भी नौकरी से हटा दिया गया है।
बताया गया है कि बाजार अतरिया में अवैध शराब बिक्री रोकने शिवसेना, मानव कल्याण समिति सहित ग्रामीण ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। लेकिन पुलिस इन शिकायतों को अनदेखा कर रही है।