राजनांदगांव
![फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप कीटों की पहचान में उपयोगी फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप कीटों की पहचान में उपयोगी](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630674882jn__3.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 सितंबर। कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान बरौंडा रायपुर द्वारा एक सितंबर को कृषि विज्ञान केंद्र सुरगी में फोल्ड माइक्रोस्कोप का प्रदर्शन किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बीएस राजपूत एवं इस परियोजना की प्रभारी गुंजन झा ने बताया कि पेपर आधारित माइक्रोस्कोप जिसे फोल्डस्कोप के नाम से जाना जाता है, जो माइक्रोस्कोप की तरह कार्य करने वाले उपकरण किसानों के लिए उपयोगी यंत्र है।
यह कागज से बनने के कारण सस्ता व हल्का तथा आसानी से फोल्ड हो जाने वाला होता है, जिसे किसान आसानी से जेब में रखकर खेत में जा सकते हैं। फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप का आविष्कार स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में बायोइंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर डॉ. मनु प्रकाश एवं टीम द्वारा वर्ष 2014 में किया गया था। वास्तव में यह एक तरह का आप्टिकल माइक्रोस्कोप है, यह वजन में बहुत हल्का लगभग 8 ग्राम होता है और यह एक किट में आता है। जिसमें लेंस होते हैं, जो 140 गुना आवर्धन प्रदान करते हैं।
फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप का महत्व-
यह आकार में बहुत छोटा एवं वजन में हल्का होता है। यह पारंपरिक सूक्ष्मदर्शी के समान प्रदर्शन करता है। यह बहुत टिकाऊ है, क्योंकि बहुत ऊंचाई से गिरने के बावजूद भी नहीं टूटता है। इसका प्रयोग मुख्यत: प्रक्षेत्र स्तर पर प्राथमिक निदान के लिए किया जाता है। फोल्डस्कोप का प्रयोग पादप रोगजनक के कारक एवं सूक्ष्मकीटों का अवलोकन करने में भी किया जा सकता है।
इसके माध्यम से सूक्ष्म कीटों का भी अवलोकन किया जा सकता है। पशुपालन के अंतर्गत जानवरों में लगने वाले सूक्ष्म जीवों का पता लगाने में भी प्रयोग किया जा सकता है। इसको बनाने की लागत लगभग 100 रुपए से भी कम है।
इस फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप प्रदर्शन के अवसर पर डॉ. आरएन सिंह, आनंद साहू, गुंजन झा, डॉ. नूतन रामटेके, अंजली घृतलहरे, अतुल डांगे, डॉ. मोहनिशा जंघेल, सुरभि जैन, आशीष गौरव शुक्ला, जितेन्द्र मेश्राम, तोरन लाल निषाद, बिदेशीराम निषाद, योगुराम साहू, संतराम साहू व अन्य किसान व कर्मचारी उपस्थित थे।