राजनांदगांव

सरकार के खिलाफ एकजुट हुआ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन
04-Sep-2021 6:42 PM
सरकार के खिलाफ एकजुट हुआ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन

सामूहिक अवकाश लेकर एक दिनी धरना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 सितंबर।
जिले के अधिकारी-कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय मांग को लेकर शुक्रवार को सरकार के खिलाफ एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया।  कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले एक दिनी प्रदर्शन में कर्मियों ने सामुहिक अवकाश लेकर सरकार से लंबित मांगों के निराकरण करने की मांग की। 

छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव जिला इकाई द्वारा शुक्रवार को कलेक्टोरेट के सामने जिला संयोजक डॉ. केएल टांडेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे के नेतृत्व एवं प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं सचिव राजेश चटर्जी के आह्वान पर जिले में शासकीय सेवकगण अपनी 14 सूत्रीय लंबित मांगों के समर्थन में एक दिवसीय प्रांतव्यापी धरना एवं हड़ताल किया। इस दौरान फेडरेशन के बैनर तले अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। तत्पश्चात दोपहर को विभिन्न संगठनों/संघों से संबद्ध शासकीय कर्मचारी-अधिकारियों ने नारेबाजी करते अपनी 14 सूत्रीय लंबित मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. टांडेकर एवं महासचिव श्री ब्यौहरे ने बताया कि पूर्व में फेडरेशन के कलम रख मशाल उठा चरणब आंदोलन में राज्य शासन को समय-समय पर 14 सूत्रीय मांग पत्र देकर निराकरण के लिए अनुरोध किया जाता रहा है और फेडरेशन मांग पत्र में शामिल कुछ मांग जन-घोषणा पत्र में भी पूर्व से ही उल्लेखित है, किन्तु राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के हित में समाधानकारक निर्णय नहीं लेने के कारण कर्मचारी अधिकारी/पेंशनर्स आक्रोशित हैं। इधर अधिकारी-कर्मचारी के सामुहिक अवकाश लेने से ब्लॉक एवं जिला स्तर के कई शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में दिनभर कामकाज ठप्प रहा है। शासकीय सेवकों की 14 सूत्रीय मांगों को पूरा करने एवं केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह 28 प्रतिशत डीए की मांग सहित विभिन्न विषयों पर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है।

डॉ. टांडेकर और श्री ब्यौहरे ने बताया कि राज्य के कर्मचारी-अधिकारी, शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से क्षुब्ध एवं व्यथित होकर इसके विरोध में 3 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना एवं आंदोलन किया। इस आंदोलन को राज्य सेवा के विभिन्न 57 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य शासन से अपनी मांगो को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए कमर कस चुके हैं। 

आंदोलन में एसके ओझा, डॉ. केएल टांडेकर, सतीश ब्यौहरे, बीएस मंडावी, रफीक खान, मुकुल साव, रामनारायण बघेल, सीएल चंद्रवंशी, रविकांत यादव, संतोष चौहान, डॉ. बीपी चंद्राकर, भीषम ठाकुर, पूरनलाल साहू, अरूण देवांगन, संजय तिवारी, कौशलेन्द्र शर्मा, विनोद मिश्रा, पीआर झाडे, लेखराम मात्रा, राघवेन्द्र सिंह, अजीत दुबे, उत्तम फंदियाल, पीएल साहू, शिव देवांगन, महेश साहू, गीता जुरेशिया, बृजभान सिन्हा, हरीश भाटिया, जगदीश्वर ठाकुर, संजय सिंह, सुदेश यादव, एनएल देवांगन, उपेन्द्र रामटेके, हरीशचंद यादव, अब्दुल करीम खान, विनोद यादव, कमल पूजन, सोहन निषाद, गीता जुरेशिया, डीडी कोमरे, फहीम कुरैशी, असलम अंसारी, यशवंत सिन्हा, बीएस चौहान, मेराज मोहम्मद, मनोज कुमार बोपचे, शेख आबिद कुरैशी सहित मीडिया प्रभारी दुर्गेश त्रिवेदी प्रमुख रहे। फेडरेशन के जिला संयोजक डॉण् केण्एलण्टाण्डेकर एवं महासचिव सतीश ब्यौहरे ने बताया कि यदि शासन छण्गण्कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की लंबित मांगों पर शीघ्र कोई समाधानकारक ठोस निर्णय नहीं लेती है तो इस आंदोलन के अगले चरण के रूप में वृहद स्तर पर प्रांतव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के रूप में परिणीत होगा। 
जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।
 

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