रायगढ़

मांगों को ले कर्मियों का धरना-प्रदर्शन
04-Sep-2021 8:00 PM
  मांगों को ले कर्मियों का धरना-प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सारंगढ़, 4 सितंबर। छत्तीसगढ़़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले कलम रख, मशाल उठा चरणबद्ध आंदोलन में राज्य शासन को समय-समय पर 14 सूत्रीय मांग पत्र देकर निराकरण हेतु धरना-प्रदर्शन किया गया। इन मांगों में कुछ मांग शासन के जन घोषणा पत्र में भी शामिल है। राज्य शासन द्वारा कर्मचारी हित में समाधान कारक निर्णय नहीं लेने के कारण फेडरेशन आक्रोशित है।

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा कर्मचारी हित में समाधान कारक निर्णय नहीं लेने के कारण 3 सितंबर को कलम बंद, काम बंद हड़ताल अवकाश लेकर किया गया है। साथ ही साथ निराकरण के अनुरोध करते हुए राज्य शासन को पुन: स्मरण दिलाया जा रहा है।

फेडरेशन आर पार की लड़ाई लडऩे के मूड में दिखाई दे रही है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में अपने ज्ञापन में यह बात अंकित कर दिया है , राज्य शासन 14 बिंदुओं पर समाधान कारक निर्णय नहीं लिया, तो छत्तीसगढ़़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अनिश्चित कालीन हड़ताल करने का निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा। जिसकी जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।

विदित हो कि फेडरेशन संयोजक शैलेश यादव ने बताया कि लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण के साथ अन्य विभाग के कर्मचारियों का वेतन विसंगति निराकृत किया जाए। पेंशनरों को देय तिथि जुलाई 19 से 17 प्रतिशत सहित वर्तमान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी करें। वहीं उन्होंने बताया कि वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरियर्स तीन किस्त के भुगतान हेतु आदेश जारी किया जाए।  सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति, क्रमोन्नति, समयमान एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाए। तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए।

कोरोना से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के तर्ज पर पचास लाख अनुग्रह राशि स्वीकृत किया जाए। कोरोना ड्यूटी में लगाए गए शासकीय सेवकों को कोरोना भत्ता प्रदान किया जाए । अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए। चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए। वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर 10 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाए।

विदित हो कि हजारों की संख्या में उपस्थित अधिकारी कर्मचारी धरना स्थल पर सोए हुए राज्य सरकार को जगाने की कोशिश में जबरदस्त नारेबाजी करते हुए मांग किए कि - राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों के समान वेतन के रिक्त पदों पर नियमित कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते एवं पेंशन का लाभ दिया जाए।

पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटॉप के साथ उनके कार्यालय में कंप्यूटर की समस्त सुविधा दी जाए। पेंशनरों को पेंशन भुगतान हेतु 20 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बटवारा तत्काल किया जाए।

धरना स्थल पर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संयोजक शैलेश यादव, पूर्व अध्यक्ष विनोद यादव, सह संयोजक चोक लाल पटेल, संतोष पटेल अध्यक्ष पटवारी संघ, राजेश गुप्ता अध्यक्ष लिपिक वर्गीय संघ, प्रदीप यादव सचिव लिपिक वर्गीय संघ, विमल अजगल्ले अध्यक्ष क्रांतिकारी संघ, सुरेश साहू कोषालय कार्यालय संघ, देव कुमार सोनवानी लघु वेतन कर्मचारी संघ, केयूर भूषण त्रिपाठी ब्लॉक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, पुरुषोत्तम स्वर्णकार उपाध्यक्ष कर्मचारी संघ, दीपक तिवारी अध्यक्ष प्रधान पाठक संघ, अंतराम जांगड़े कार्यकारी अध्यक्ष कर्मचारी संघ, रवि भारद्वाज के साथ ही साथ हजारों अधिकारी कर्मचारी इस धरना स्थल पर मौजूद रहे।

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