राजनांदगांव
![दुकान आबंटन में पारदर्शिता का पूरा ख्याल -मेयर दुकान आबंटन में पारदर्शिता का पूरा ख्याल -मेयर](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1630830174jn__3.jpg)
भाजपा के आरोपों का हेमा देशमुख ने दिया करारा जवाब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 सितंबर। कमला कॉलेज चौक स्थित मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत बनाए गए दुकानों के आबंटन को लेकर भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का महापौर हेमा देशमुख ने करारा जवाब देते भाजपा पार्षद खेमिन यादव के द्वारा दिए गए नामों के आधार पर दुकान का आबंटन किया गया है। महापौर का कहना है कि दुकान आबंटन में पूरी तरह से पारदर्शिता का ख्याल रखा गया है। पार्षद खेमिन यादव द्वारा 16 नामों की सूची दी गई थी। जिसमें 14 हितग्राहियों को दुकानें प्रदान की गई है।
महापौर का कहना है कि भाजपा द्वारा बेवजह बयानबाजी करते झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 दुकानों के आबंटन में नियम-शर्तों का पूरा पालन किया गया है। जिसमें एक दुकान खाद के कारोबार के लिए निगम ने अपने आधिपत्य में रखा है। महापौर ने मीडिया से चर्चा करते कहा कि जिनको दुकानें दी गई है, वह पूरी तरह से पात्र हैं। हर स्तर की जांच के बाद दुकानों का आबंटन किया गया है। उन्होंने बताया कि एक ही परिवार के दो को दुकान आबंटन किया गया था, जिसे रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के द्वारा कई तरह की भ्रामक बातें फैलाई जा रही है। महापौर के साथ-साथ नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने निगम प्रशासन का पक्ष रखते बताया कि राजनीतिक स्तर पर बेवजह अफवाहें फैलाई जा रही है। निगम के मुखिया होने के नाते शासन के निर्देशों के अनुरूप दुकानें आबंटित की गई है।
इधर महापौर ने बताया कि दुकानों के लिए 198 आवेदन आए थे। जिसमें वार्ड पार्षद की सूची में 14 को दुकान दिया गया है। वहीं शेष 9 दुकानों को जांच के बाद आबंटित की गई।
पूर्व की गड़बडिय़ों की होगी जांच-मेयर
महापौर हेमा देशमुख ने कड़ा रूख अख्तियार करते साफ शब्दों में कहा कि निगम में पूर्ववर्ती भाजपा के कार्यकाल में हुए गड़बडिय़ों की बारीकी से जांच होगी। उन्होंने कहा कि गड़बडिय़ां इतनी व्यापक है कि जांच करने में वक्त लग रहा है, जिसमें यह बात सामने आई है कि दुकानों के आबंटन के दौरान मालिकाना हक किसी और के नाम और अनुबंध किसी और के नाम से भी किए गए हैं। महापौर ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर में 70 से 80 लोगों से दुकानों की अमानत राशि पूरी तरह से जमा नहीं की गई है। ऐसे कई हितग्राही हैं जिनसे निगम को रकम लेना है। नगर निगम का ट्रांसपोर्ट नगर के दुकानदारों पर करोड़ों रुपए बकाया है। शुरूआती कड़ाई में निगम ने वसूली करते 40 से 50 लाख रुपए वसूले हैं। महापौर का दावा है कि भाजपा ने अपने शासनकाल में नगर निगम में कई बंदरबांट किए हैं। उनकी कारगुजारियों का खामियाजा नगर निगम को आर्थिक संकट के रूप में झेलना पड़ रहा है।