राजनांदगांव
![यूनिसेफ कन्सलटेंट परदेशी ने सजग चौपाल में निभाई भागीदारी यूनिसेफ कन्सलटेंट परदेशी ने सजग चौपाल में निभाई भागीदारी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1639226244jn__5.jpeg.jpg)
घर पर बने खाने के फायदों पर हुई चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 दिसंबर। यूनिसेफ कन्सलटेंट श्रीमती गार्गी परदेशी ने राजनांदगांव में संचालित सजग अभियान के जिला, सेक्टर एवं आंगनबाड़ी केंद्र स्तरीय ’सजग चौपाल’ में भागीदारी निभाई। उन्होंने चर्चा के दौरान 36वीं कड़ी स्वाद में सजगता संदेश पर बाजार के खाने के नुकसान एवं घर पर बने खाने के फायदों पर खुली चर्चा की। यूनिसेफ कन्सल्टेंट श्रीमती परदेशी ने पौष्टिक खाने की आदत को बढ़ावा देने की बात कही। राजनांदगांव परियोजना ग्रामीण 1 के सुंदरा सेक्टर के ग्राम फरहद के आंगनबाड़ी केन्द्र 1 में पालकों के साथ रूबरू होते हुए उन्होंने नियमित चौपाल एवं गृहभेंट होने पर परिवार में सभी पालकों (माता, पिता, दादा -दादी, अन्य) के अच्छे पालकत्व की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर आंगनबाडी केन्द्रों के संचालन करने एवं आगामी वर्ष में संस्कार अभियान के प्रारंभ होने की जानकारी भी दी।
श्रीमती परदेशी ने डोंगरगांव परियोजना के सेक्टर रामपुर में कार्यकर्ताओं की सेक्टर स्तरीय चौपाल का निरीक्षण भी किया। कार्यकर्ताओं की समझ को विकसित करने की कोशिश करते अलग-अलग कडिय़ों की पुनरावृत्ति की गई। भ्रमण के दौरान रामपुर में रमौतीन दीदी ने बताया कि सजग के संदेश सुनने से उनके बच्चे का शरीर और मन दोनों ही चुस्त दुरूस्त हैं।
सम्पूर्ण भ्रमण के दौरान हर स्तर से अगले सन्देश हेतु कुछ सुझाव भी श्रीमती परदेशी द्वारा लिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केन्द्र की गतिविधियां बंद होने के कारण गीत, कविता, खेल, लिखना वह सब भूल गए हैं । घर पर ही नए खेल बन सके ऐसे सन्देश की उम्मीद की गई है। लिंग समानता का संदेश, पिता पालकों की पालकत्व पर भूमिका पर संदेश बनाने के सुझाव भी ज्यादातर सामने आए हैं।