राजनांदगांव
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पंचायत सचिवों में दिख रहा आक्रोश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 दिसंबर। ग्राम पंचायतों में लंबे समय से काम करने वाले पंचायत सचिव भी अब शासकीयकरण की मांग को लेकर अड़ गए हैं। 26 वर्षों से उन्हें कम मानदेय ही दिया जा रहा है, जिससे पंचायत सचिवों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। पूर्व में शासन का ध्यान भी आकृष्ट कराया गया है, फिर भी उनकी एक सूत्रीय लंबित मांग पर आज पर्यन्त तक विचार नहीं हो पाया है। जिससे अब फिर से नाराज पंचायत सचिवों द्वारा आंदोलन करने की चेतावनी दी जा रही है।
सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में पंचायत सचिव के अध्यक्ष रामदुलार साहू ने बताया कि विगत 26 वर्षों से प्रदेशभर में 10 हजार 568 पंचायतत सचिवों द्वारा अपनी सेवाएं दी जा रही हैं। ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन किए जाने के बाद उनका शासकीयकरण आज पर्यन्त तक नहीं हो पाया है। 26 दिसंबर 2020 से 23 जनवरी 2021 तक कुल 26 दिनों तक शासन का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश के दौरान आंदोलन प्रदर्शन भी किया गया चुका है।
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के आश्वासन पश्चात 23 जनवरी को हड़ताल भी स्थगित की गई, लेकिन आज पर्यन्त तक उनकी एक सूत्रीय लंबित मांग पर विचार नहीं हो पाया है। पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्यों को जमीन स्तर पर ईमानदारी से जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। वर्तमान में कोविड टेस्ट, टीकाकरण इत्यादि में भी पंचायत सचिव अपनी सेवाएं दी है। गांव-गांव में गौठान निर्माण, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, नरवा-गरवा-घुरवा और बाड़ी की योजनाओं का भी क्रियान्यन किया जा रहा है, फिर भी उनका शासकीयकरण नहीं हो रहा है। कम वेतनमान में आर्थिक तंगी की समस्या भी यथावत बनी हुई है।
पत्रकारवार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष रामदुलार साहू, जिला सचिव यशवंत जंघेल, जिला कार्यकारी अध्यक्ष भागवत साहू, जिला कोषाध्यक्ष नीलेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष रेखचंद यादव, चौकी अध्यक्ष राजेन्द्र उईके, खैरागढ़ अध्यक्ष योगेश्वर धनकर, महिला अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख, मानपुर अध्यक्ष परमानंद तुलावी तथा डोंगरगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष राजाराम उईके सहित अन्य पदाधिकारीगण शामिल थे।