राजनांदगांव
![जैविक खेती पर जोर, समस्याओं पर चर्चा जैविक खेती पर जोर, समस्याओं पर चर्चा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1639570847jn__6.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 दिसंबर। आदिवासी अंचल अंबागढ़ चौकी में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित केन्द्र प्रवर्तित योजना डीबीटी बायोटेक किसान हब की स्थापना की गई। बायोटेक किसान हब परियोजना अंतर्गत जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड के पांच गांव सोनसायटोला, भड़सेना, मांगाटोला, सेम्हरबांधा और कौडूटोला से 50 किसानों का चयन किया गया है। यह योजना मुख्य रूप से चार मॉडल फसल (अनाज, दलहन) प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, उद्यानिकी, पशुपालन मॉडल पर आधारित है।
परियोजना अंतर्गत किसानों को धान की प्रजाति इंदिरा महेश्वरी (तनाछेदक, टूग्रो वायरस, भूरा माहू, पत्तियों में झुलसा रोग हेतु प्रतिरोधी) का वितरण किया गया। यह किस्म 130-135 दिन की अवधि वाली है। साथ ही डीआरआर धान - 42 जो सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए प्रतिरोधी, जो 120 दिन की अवधि वाली धान का वितरण व प्रदर्शन किसानों के प्रक्षेत्र में किया गया, जिसे सीडड्रिल मशीन द्वारा कतार बोनी करने अथवा कतारबद्ध तरीके से रोपाई कर लगाए जाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। परियोजना के तहत किसानों को सीड कम फर्टिड्रिल भी प्रदान किया गया।
कृषि कार्य को उत्कृष्ट बनाने के उद्देश्य से किसानों की मानसिक एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी ज्ञान प्रदान किया गया। साथ ही किसानों को जैविक खेती से जोडऩे बीज उपचार एजोस्पिरिलम, ट्राइकोडर्मा, पीएसबी कल्चर तथा तना छेदक के नियंत्रण हेतु फेरोमोन प्रपंच का वितरण किया गया।
धान की कटाई के अवसर पर प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों की लगायी गयी धान की किस्म एवं प्रक्षेत्र में आने वाली प्रमुख समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस परियोजना के अंतर्गत चयनित ग्रामों में निरंतर कृषि वैज्ञानिक द्वारा नैदानिक भ्रमण कर कृषकों को खेती में होने वाली समस्या का निराकरण किया जा रहा है।