राजनांदगांव
![चुनाव में समोसा-पोहा एवं होटल सभी का दर तय, प्रत्याशियों को देना होगा हिसाब चुनाव में समोसा-पोहा एवं होटल सभी का दर तय, प्रत्याशियों को देना होगा हिसाब](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1639582448G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 15 दिसंबर। निकाय चुनाव को लेकर अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। खैरागढ़ के 20 वार्ड में हो रहे चुनाव के साथ प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हर प्रत्याशी अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने देना चाहता है। यही वजह है कि वोटरों को लुभाने के लिए खर्च भी किया जा रहा है, लेकिन प्रत्याशियों के खर्च पर चुनाव आयोग की नजर है। चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों द्वारा प्रचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हर चीज के लिए अपने दाम तय कर रखे हैं।
इसके अनुसार प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान हर टोपी के इस्तेमाल के लिए 15 रु. का खर्च माना जाएगा। इतना ही नहीं प्रचार के लिए घूमने वाले लाउडस्पीकर के लिए हर रोज हजार रुपए तय किया गया है। इसके अलावा समोसा-आलूगुंडा, भोजन, शरबत के साथ ही पानी बोतल का दाम निर्वाचन आयोग ने तय कर रखा है।
प्रत्याशियों द्वारा किए गए खर्च पर निर्वाचन आयोग की टीम भी नजर बनाए हुए हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा तय किए गए दामों में भोजन का 60, आलू पोहा का 10 , कोल्ड ड्रिंक के लिए 15 ,शरबत का 5 रु. गिलास, पूरी-सब्जी 20, पंडाल या मंच निर्माण के लिए 10 रु. प्रति वर्ग फीट, सोफा 1500, महाराजा कुर्सी 335, स्वागत द्वार 1500, बिल्ला 400 प्रति हजार, टी-शर्ट 60, बीआईपी माला 200, बैंड बाजा 11 व्यक्ति का दल के लिए 9000 रु. तक किए गए हैं। इसके अलावा भी कई चीजों के दाम तय कर रखे गए हैं।
इधर 20 दिसंबर को होने वाले मतदान से पहले कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों ने अपनी टीम को जमीनी स्तर पर उतार दिया है। कांग्रेस किसी भी हाल में सभी जगह पर जीत हासिल कर अपने विकास मॉडल को सफल बनाना चाहती है, जबकि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले इन चुनावों में अपना परचम लहरा कर अपना रास्ता मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है। दोनों ही दलों में शीर्ष नेता भी चुनावी रण में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। भले ही निर्वाचन आयोग ने प्रचार से जुड़ी कई चीजों के दाम तय कर रखे हो, लेकिन आधुनिक युग में प्रचार का सबसे बड़ा साधन सोशल मीडिया पर कोई शुल्क तय नहीं किया गया है। प्रत्याशी अपना प्रचार सोशल मीडिया पर कर सकते हैं। हालांकि आयोग इस बात का ध्यान जरूर रखेगा कि प्रचार उनकी तय नियम सीमाओं के अंतर्गत किया जा रहा हो। इधर प्रत्याशियों ने हर वोट तक पहुंचने के लिए व्हाट्सएप का सहारा लेना शुरू कर दिया है।