राजनांदगांव

बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए रणनीति बनाकर कराएं अध्ययन : कलेक्टर
15-Dec-2021 9:25 PM
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए रणनीति बनाकर कराएं अध्ययन : कलेक्टर

छात्रावासों एवं आश्रमों का लगातार निरीक्षण करने निर्देश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 दिसंबर।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मंगलवार को शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि शिक्षक वर्ष 2021-22 के 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए रणनीति बनाकर अध्ययन कराएं। बच्चों को प्रवीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने प्रोत्साहित करने जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों के मॉडल प्रश्नों एवं उत्तर तैयार कर विद्यार्थियों को अभ्यास कराएं। गणित, विज्ञान, भौतिकी शास्त्र, रसायन शास्त्र एवं अंग्रेजी विषयों को केन्द्रित करते हल कराएं।

विद्यालयों में शिक्षक के अवकाश में रहने पर उपस्थित शिक्षक बच्चों की कक्षा लें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कठिन विषयों के लिए बच्चों के अधिक मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है। शिक्षक स्वयं प्रेरित होकर शनिवार और रविवार को अतिरिक्त क्लास के माध्यम से पढाएं। कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देते मॉनिटरिंग करें और आगे बढ़ाने के लिए प्रयत्न करें। जिससे बच्चों में प्रतियोगिता की भावना जागृत हो। उन्होंने कहा कि विषय के ज्ञान के लिए आधार मजबूत होना चाहिए।

उन्होंने स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था, मध्यान्ह भोजन एवं शिक्षकों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग के लिए लगातार अधिकारी निरीक्षण करें। जिन शिक्षकों द्वारा लापरवाही बरती जाएगी उन पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी विकासखंडों के लिए टीम बनाई जाए एवं रूटचार्ट तैयार कर स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करें। उन्होंने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के भवन निर्माण की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि स्कूल भवन का निर्माण पूरा हो गया है, वहां फर्नीचर भेजें। जिले में स्कूल भवन मरम्मत, अतिरिक्त कक्ष एवं नये स्कूल भवन निर्माण की आवश्यकता के लिए सूची तैयार करें। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन उन्हें तत्काल मिलना चाहिए। इसमें कर्मचारियों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। जिन कर्मचारियों के पेंशन लंबित है। उनका जल्द निराकरण करें।

कलेक्टर सिन्हा ने आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते कहा कि आश्रम एवं छात्रावास में सभी व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। अधिकारी छात्रावास एवं आश्रमों का लगातार निरीक्षण करें। महिला छात्रावास में सुरक्षा को ध्यान में रखते महिला अधिकारी निरीक्षण करें। वहां बच्चों की सुविधाओं एवं समस्याओं की जानकारी लेकर सुधार कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शिथिल किया गया है। इस दौरान उन्होंने जिला साक्षरता मिशन अंतर्गत पढऩा-लिखना अभियान के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एसके वाहने, जिला साक्षरता मिशन से रश्मि सिंह, विकासखंड शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी एवं प्राचार्य उपस्थित थे।
 

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