बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 जनवरी। रविवार की रात करीब 8 बजे जिले के भैरमगढ़ से रायपुर राजधानी अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करने जा रहे जिले भर के सहायक आरक्षकों के परिजनों को पुलिस ने रोका रखा है। सहायक आरक्षकों के परिजन अपने बच्चों के साथ भैरमगढ़ थाना के करीब समाचार लिखे जाने तक सोमवार शाम तक बैठे हुए हैं। वे प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। पुलिस द्वारा उन लोगों को समझाइश देकर रायपुर जाने से रोका जा रहा है।
इस मामले में बीजापुर पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप का कहना है कि सहायक शिक्षकों की सभी मांग सरकार द्वारा मान ली गई है। हम उनके परिजनों को रोककर समझा रहे हैं कि मांगें पूरी होने के बाद भी कोरोना वायरस की तीसरी लहर के समय रायपुर जाने का कोई औचित्य नहीं है।
परिजनों से मिले पूर्व वन मंत्री
रविवार की रात से ही भैरमगढ़ थाना के करीब बैठे लगभग 60 से अधिक सहायक आरक्षकों के परिजनों से मिलने पूर्व मंत्री महेश गागड़ा पहुंचे। उन्होंने सहायक आरक्षको की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से इसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की। भूखे प्यासे बैठे सहायक आरक्षकों के परिजनों के लिए पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने भोजन पानी की व्यवस्था कराई।
सहायक आरक्षकों की मांग है कि उन्हें समान वेतनमान और पदोन्नति तथा पेंशन आदि सुविधाएं दी जाए। इसी मांग को लेकर पिछले माह बीजापुर जिले के सहायक आरक्षकों के परिजन रायपुर राजधानी में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। तभी पुलिस के अफसरों द्वारा उन्हें धरना प्रदर्शन स्थल से हटाने के लिए मारपीट किया गया। जिसकी सूचना मिलते ही जिले भर के सहायक आरक्षक अपना हथियार थाने में जमा कर धरने में बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों की समझाइश के बाद 1 माह के लिए उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
लेकिन एक माह पश्चात भी उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे पुन: अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के लिए राजधानी जा रहे थे।