कोण्डागांव
सर्व आदिवासी समाज ने बनाई रणनीति
कोण्डागांव, 31 जनवरी। सर्व आदिवासी समाज कोण्डागांव ने 27 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई के आह्वान पर प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग आहुत की थी, जो प्रांत पदाधिकारी, युवा प्रभाग, महिला प्रभाग, जिलाध्यक्षों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विभिन्न विभागों में आरक्षण के बगैर पदोन्नति से आदिवासी वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में वंचित रहना पड़ जाएगा। वर्तमान में अनुसूचित जाति, जनजाति में आरक्षण मामला कोर्ट में सुनवाई हेतु प्रक्रियाधीन है। ऐसी स्थिति में पदोन्नति में जल्दबाजी करना अनुचित होगा। आरक्षण रोस्टर के बगैर पदोन्नति से राज्य के अनुसूचित जाति के 13 व अनुसूचित जनजाति वर्ग के 32 आरक्षण से वंचित हो जाएंगे।
छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा क्वालिफिकेशन डाटा में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व की अनुशंसा सहित पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने अनुमोदित किया गया है। पदोन्नति कुछ पद सीधी भर्ती का भी है इन विसंगतियों के होते हुए और पदोन्नति में आरक्षण के अंतिम सुनवाई से पहले पदोन्नति करने से इस प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारी और युवाओं के साथ अन्याय होगा एवं प्रावधानित संवैधानिक अधिकारों का भी हनन होगा।
उक्त पदोन्नति में छत्तीसगढ़ प्रदेश के आदिवासी शिक्षकों अन्य विभागों में हो रहे पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे। इस विषय पर विभिन्न संगठनों के माध्यम से शासन के द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री, विभाग प्रमुख को निवेदन और चेतावनी भी दिया गया है। लेकिन अभी तक छत्तीसगढ़ शासन की विभागों के द्वारा पदोन्नति में न ही स्थगन किया गया है और न ही कोई आश्वासन दिया गया है।
आदिवासी समाज के शासन की दुर्भावना के कारण हो रही क्षति के चलते सर्व आदिवासी समाज ने प्रस्ताव किया है कि अगर शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों में बिना आरक्षण के हो रहे पद्दोन्नति को तत्काल स्थगित नहीं किया गया तो सर्व आदिवासी समाज 4 फरवरी को राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में महाबंद करने का निर्णय लिया गया है।
इस आरक्षित वर्ग के कर्मचारी और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, और अन्य पिछड़ावर्ग के सभी प्रदेश अध्यक्ष जिलाध्यक्ष इस महाबंद को सफल बनाने से अधिक संख्या में शामिल होने के लिए अपील की है।