कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 31 जनवरी। नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी को कोर्ट ने तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
इस प्रकरण में शासन की ओर से दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। आरोपी विवेक पटनायक (32) नया रायपुर ने प्रार्थी से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नियुक्ति करने की बात कहकर टालता रहा। जब प्रार्थी के द्वारा पैसा वापस मांगा तो आरोपी ने 4 जून 2015 को उसने जान से मारने की धमकी दी। प्रार्थी की उक्त आशय की लिखित शिकायत के आधार पर आरोपी के विरूद्ध थाना केशकाल धारा 420, 506 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
विवेचना के दौरान प्रार्थी कुन्दन लाल साहू ने बताया कि वर्ष 2012 में ग्राम बोरी में अपने चाचा तीर्थ राम साहू के घर रुकने के दौरान संतोष साहू के भी वहीं रूके होने पर उससे मुलाकात होने के दौरान संतोष द्वारा यह कहा गया कि उसकी जान पहचान का विवेक पटनायक (आरोपी) नाम के एक अधिकारी मंत्रालय में है, जो नौकरी लगता है। अगर तुम नौकरी करना चाहो तो उसका नंबर तुम्हें देता हूं। प्रार्थी का फोन नंबर उक्त संतोष के द्वारा आरोपी को दिया जाना बताया है। बाद में आरोपी का फोन आने पर उसने यह कहा था कि उसके व्यवसाय में कोई निश्चित आमदनी नहीं रहती है नौकरी मिलेगी तो कर लंूगा। इस पर आरोपी ने रायपुर में आकर मिलने हेतु कहा था। बाद में वह मई 2012 में रायपुर गया और कलेक्टर गार्डन में विवेक पटनायक से मुलाकात की। वहीं फोन करने पर उक्त संतोष भी आ गया, तब आरोपी ने आश्वस्त किया था कि पहले डेली वेजेस में नौकरी लगेगी उसके बाद स्थायी हो जाएगा। इसके बाद प्रार्थी से आरोपी ने कहा कि नौकरी के लिए कुछ पैसा भी देना होगा। इस बात पर प्रार्थी ने कहा कि एक साथ पैसा नहीं दे पाऊंगा, तो आरोपी ने कहा कि जब वह फोन करके बताएगा तब पैसा दे देना और उसी अकाउंट में पैसा डालना। कुछ दिनों बाद आरोपी ने अलग अलग तिथियों में प्रार्थी से अलग अलग खातों में डलवा रहा 3 लाख 20 हजार दिए थे, परंतु बाद में आरोपी ने वर्ष 2015 में फोन करने पर कहा कि बार-बार फोन मत करो।
पैसा नहीं दूंगा तो क्या कर लोगे, फिर प्रार्थी ने थाने में लिखित आवेदन दिया था। विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर अभियोजन पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण पर विचार कर जिला के अपर सत्र न्यायाधीश, के.पी. सिंह भदौरिया ने आरोपी, अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार करते हुए आरोपी को धारा 420 के अपराध में 3 वर्ष के सश्रम कारावास 5 हजार रुपए के अर्थदंड, से अर्थदंड की राशि अदा नहीं पर 3 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास, की सजा भुगतने का आदेश पारित किया गया।