सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 5 फरवरी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्य्क्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामानुजगंज सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में जेल के निरुद्ध बंदियों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हेतु आज जिला जेल में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस दौरान द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसुधन चंद्राकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेशमा बैरागी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ बसंत सिंह एसडीएम गौतम सिंह जेलर जीएस मरकाम लोक अभियोजक विपिन बिहारी सिंह जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आर के पटेल जिला जेल सनदर्शक अरुण अग्रवाल सहित चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की टीम उपस्थित रही।
इस अवसर पर जिला न्यायाधीश ने जेल में निरुद्ध बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में विगत दो-तीन वर्षों से करोना के संक्रमण के परिणाम स्वरूप प्रकरणों के विचारण में विलंब हो रहा है जिससे उन्हें जेल में मानसिक संताप से गुजरना पड़ रहा है, किंतु उन्हें इस समय का सदुपयोग करते हुए अपने नैतिक एवं बौद्धिक विचारों पर मनन करते हुए उसे सुधारना चाहिए वर्तमान समाज में नकारात्मकता इस कदर बढ़ गई है कि लोग छोटी छोटी बातों के लिए अपराध कर बैठते हैं।
अधिकतर अपराधी का बचपन नकारात्मक एवं कुंठा निवेश होता है जिस कारण उनकी नैतिक एवं बौद्धिक क्षमता औरों की तुलना में कम होती है इस कारण वे अपने साथ होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं पर चिंता नहीं कर पाते और अपराध कर बैठते हैं।सभी धर्म ग्रंथों में मनुष्य जीवन सर्व श्रेष्ठ जीवन बताया गया है अन्य जंतु की तुलना में विवेक मिला है सोचने समझने की क्षमता मिले इसलिए इस जीवन को व्यक्ति को यूं ही बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं अपने मन मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों को स्थान देना चाहिए तथा समाज में सकारात्मकता फैलानी चाहिए।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसुधन चंद्राकर ने कहा कि जिला न्यायधीश के मार्गदर्शन में शीघ्र ही जेल में निरुद्ध बंदियों का कौशल विकास हेतु कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा कड़ाके की ठंड में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में गर्म कपड़े का वितरण किया गया साथ ही एक सौ पचास लोगों को रहने के लिए अतिरिक्त बैरक का निर्माण भी हुआ। जिला जेल में विचाराधीन बंदियों के लिए साफ पेयजल व्यवस्था लाइब्रेरी की व्यवस्था मिलने की पहल जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में की गई।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आर के पटेल लोक अभियोजक विपिन बिहारी सिंह ने संबोधित करते हुए बंदियों को जेल से रिहा होने के उपरांत नवीन जीवन का शुरुआत करने को कहा उन्होंने कहा कि अपने अनुभव को समाज में बताएं और लोगों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करें।
कार्यक्रम का संचालन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा ने किया, वहीं आभार प्रदर्शन जिला जेल अधीक्षक जीएस मरकाम ने किया। मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बसंत सिंह के मार्गदर्शन में दांत, गला, नाक, कान, नेत्र सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया वही दवा का भी वितरण किया गया। डॉक्टर बसंत ने बताया कि मनोचिकित्सक एवं आयुर्वेदिक डॉक्टर भी अपनी सेवाएं स्वास्थ्य शिविर में दिए।