कोण्डागांव

भूमकाल आंदोलन के नायकों की बताई गाथाएं पुलिस ने ग्रामीणों संग मनाया भूमकाल दिवस
10-Feb-2022 9:11 PM
भूमकाल आंदोलन के नायकों की बताई गाथाएं पुलिस ने ग्रामीणों संग मनाया भूमकाल दिवस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 10 फावरी। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के आदेश से एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में जिले में विभिन्न थाना एवं कैंप में पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर भूमकाल दिवस मनाया। इस कार्यक्रम के दौरान अमर शहीद वीर गुंडाधुर को याद कर भूमकाल आंदोलन के नायकों की गाथाएं ग्रामीणों को बताई गई।

गुंडाधुर की फोटो में पुष्प हार अर्पण किया गया और भूमकाल विद्रोह की आवाज को बुलंद करने वाले आदिवासी जननायकों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई।

इस दौरान मर्दापाल थाना क्षेत्र में ग्राम सचिवालय कार्यालय में, इरागांव थाना क्षेत्र में हाई स्कूल प्रांगण में, धनोरा थाना क्षेत्र में बेलगांव नयापारा में, और फरसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम फूपगांव में पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर भूमकाल दिवस मनाया, जिसमें आसपास के गांव के सरपंच, सचिव, कोटवार और ग्रामीणों को बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम में भाग लिए जिन्हे पुलिस एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा शहीद गुंडाघूर एवं भूमकाल आंदोलन मे शामिल अन्य वीरों की गाथाएं बताई गई।

भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुंडाधूर जिन्होंने आजादी के लगभग 37 वर्ष पूर्व ही सन 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का आगाज किया था। भूमकाल आंदोलन बस्तर के स्थानीय निवासियों के स्वाभिमान व उनके जल जंगल जमीन तथा क्षेत्र की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। वीर गुंडाधुर अंग्रेजों के आगे कभी नहीं झुके और उन्होंने आदिवासी समाज को एकता के सूत्र में बांध रखा। आदिवासी जनचेतना के रूप में शहीद वीर गुंडाधुर जनमानस में हमेशा से जीवित रहेंगे उनका बलिदान हमेशा राज्य के समस्त नागरिकों को शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा।

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