बलौदा बाजार

70 पुलिस वालों के भरोसे 77 गांवों की कानून व्यवस्था
13-Feb-2022 6:21 PM
 70 पुलिस वालों के भरोसे 77 गांवों की कानून व्यवस्था

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 13 फरवरी। बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के अलावा थाना सिटी कोतवाली अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में बढ़ रही वारदातों के चलते अब नगर में ग्रामीण थाना प्रारंभ किए जाने की मांग आम जनों द्वारा की जा रही है, वैसे भी थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत तीन प्रमुख सीमेंट संयंत्र स्थित हैं। इसके अलावा कुछ संवेदनशील व अतिसंवेदनशील ग्राम भी हैं। जहां अक्सर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती रहती है। ऐसे में अन्य विभिन्न कार्यों में तैनात पुलिस अमले को अपराधों की विवेचना के दौरान स्टाफ की कमी से जूझना पड़ता है।

इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा का ध्यान आकर्षित करने पर उन्होंने इस हेतु आवश्यक पहल किए जाने का आश्वासन दिया है।

विदित हो बलौदाबाजार जिला निर्माण के पश्चात मुख्यालय की जनसंख्या में इजाफा हुआ है, इसके अलावा सीमेंट संयंत्रों व अन्य ग्रामीणों की स्थापना के चलते अन्य प्रांतों से आने वाले कर्मचारियों व श्रमिकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्तमान में थाना सिटी कोतवाली में निरीक्षक के अलावा दो उपनिरीक्षक 6 सहायक उपनिरीक्षक 12 प्रधान आरक्षक 49 आरक्षकों समेत कुल 70 का स्टाफ कार्यरत है, जबकि कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत कुल 70 ग्राम स्थित हैं।

कोतवालीअंतर्गत करही बाजार चौकी भी शामिल है जो जिला मुख्यालय से 19 किलोमीटर दूर पर स्थित है, इन परिस्थितियों में केवल 70 पुलिसकर्मियों के भरोसे 70 ग्रामों के अपराधों या अन्य पुलिस संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जाता है, इनमें से अधिकांश पुलिस कर्मचारियों को वीआईपी ड्यूटी मेला मड़ाई के साथ विभिन्न धार्मिक सामाजिक आयोजन के अलावा आबकारी एवं माइनिंग से संबंधित कार्रवाई भी करना पड़ता है, जबकि सडक़ दुर्घटना की बढ़ती संख्या के अलावा अन्य आकस्मिकता की स्थिति में भी कोतवाली में पदस्थ हमला व्यस्त रहता है। इस वजह से पेट्रोलिंग अपराधों की विवेचना जैसे प्रमुख कार्य भी प्रभावित होते हैं।

तीन सीमेंट संयंत्र से बड़ा दबाव

कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत अंबुजा न्यू विस्टा न्यूवोको सीमेंट संयंत्र भी स्थित है। अक्सर यहां प्रबंधन ग्रामीणों श्रमिकों के मध्य तनातनी की स्थिति निर्मित होती है। इन परिस्थितियों में कोतवाली के स्टाफ के अलावा रक्षित केंद्र से अतिरिक्त बल बुलाना पड़ता है। इन प्रक्रिया के दौरान कभी कभार ऐसा संवेदनशील क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। उक्त परिस्थितियों के चलते सिटी कोतवाली के अलावा अब ग्रामीण थाना की स्थापना भी आवश्यक प्रतीत होती है। 

 

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