बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 फरवरी। ग्राम सेल वन मंडल बलौदाबाजार अंतर्गत सभी वन परिक्षेत्र में वन विभाग द्वारा केम्पा मद से मजदूरों की मजदूरी भुगतान नहीं मिलने से मजदूर काफी हताश व निराशा होकर वन मुख्यालय के चक्कर लगाते आ रहे हैं।
जिससे परीक्षेत्र कोठारी लवन सोनाखान अर्जुनी देवपुर इन परिक्षेत्रों में अखाध घास उनमूलन घासोंं के साफ सफाई का काम मजदूरों द्वारा 8 माह पूर्व केम्पा मद से काम कराया गया है जो आज पर्यंत तक भुगतान नहीं किया गया है वहीं मजदूर दफ्तरों के चक्कर काटने के अलावा संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को मजदूरी भुगतान संबंधित खरी-खोटी कहने को मजबूर है। मामले में कोठारी परिक्षेत्र अधिकारी प्रभारी व पवन कुमार सिन्हा एवं बार परीक्षेत्र अधिकारी शानू चंद्राकर ने बताया कि मजदूरों की मजदूरी भुगतान नहीं होने से हम भी चिंतित और परेशान हैं, शासन द्वारा राशि प्राप्त होते ही मजदूरों को शीघ्र भुगतान कर दिया जावेगा।
कोई भी मजदूर मजदूरी इसलिए करता है, ताकि समय पर किए गए काम का पैसा मजदूरी की राशि मिल सके और उसके परिवार का भरण पोषण सुख सुविधा शिक्षा-दीक्षा में लगा सके, उन्हें सिर्फ मजदूरी का ही सहारा रहता है। ऐसी स्थिति में मजदूर मजदूरी करके खुश होता है कि उनका भुगतान समय पर मिल जावेगा, किंतु समय पर भुगतान ना हो तो सभी को चिंता सताने लगती है। ऐसी स्थिति में वर्तमान बलौदाबाजार वन मंडल के अंतर्गत सभी वन परिक्षेत्र में गरीब मजदूरों का संकट खड़ी हो गई है, वन विभाग के केम्पा मद से स्वीकृत कार्यों में मजदूरी करने के 8 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी राज्य सरकार से राशि ना आने के कारण मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है।
कई बार हो चुकी है पत्राचार
क्षेत्र के मजदूर अपनी मजदूरी पाने बार-बार वन विभाग के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में ना केवल मजदूर परेशान हैं बल्कि वन विभाग के अधिकारीगण भी काफी चिंतित हैं, क्योंकि मजदूरों को केम्पा मद का भुगतान तो संबंधित अधिकारियों को ही बताया बनाना पड़ता है। आखिर काम तो अधिकारी ही करवाते हैं इसलिए मजदूर अधिकारियों पर दबाव बनाने लगते हैं और खरी-खोटी सुनाते हैं वही बार-बार कोठारी परी क्षेत्र के गरीब मजदूर ने बताया कि भुगतान न मिलने से भारी संकट आ खड़ा हुआ है। शासन-प्रशासन से वनांचल क्षेत्र के मजदूर काफी आक्रोशित होकर संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को कोस रहे हैं। वही बार-बार विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन भी मजदूरी भुगतान को लेकर देते रहते हैं अधिकारी व कर भी मजदूरों का सहयोग नहीं कर पा रहे हैं।