कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 24 फरवरी। विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला कोकोड़ी में 22 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को कहानी उत्सव के रूप में मनाया गया। इसके तहत कहानी सुनाने के लिए स्कूल में बड़े बुजुर्गों को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने स्थानीय भाषा में बच्चों को कहानी सुनाएं।
इस कार्यक्रम में आमंत्रित वरिष्ठ अभिभावक मोहन सेठिया, धनई बाई सेठिया और बैकुंठ नाथ नाग ने बच्चों को स्थानीय भाषा हल्बी में राजा आऊर रानी, लकड़हारा सीयार आउर कचिम जैसे मनोरंजक और शिक्षाप्रद कहानियां सुनाई। शाला के शिक्षक सूरज नेताम ने बताया कि कहानी सुनाना दुनिया का सबसे प्राचीन शिक्षण उपकरण है।
राज्य में मूलभूत साक्षरता के विकास के लिए बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाया जाएगा। प्राचीन काल से मौखिक परंपरा का उपयोग, ज्ञान, विश्वास परंपरा और इतिहास को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है। कहानी सुनाना किसी की कल्पना को उसके रहने वाले परिवेश व संदर्भ के साथ जोड़ती है। छोटे बच्चों को कहानियां बहुत पसंद आती है। स्थानीय बुजुर्गों से स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने का अवसर मिलने से उनके सुनने की दक्षता का विकास होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक राजकुमार यादव, सूरज नेताम, रजनतीन नाग, रामेश्वरी सेठिया और मिथिला बघेल और स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।