कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 26 फरवरी। नाबालिग से रेप करने वाले आरोपी को न्यायालय ने 20 वर्ष की सश्रम कारावास सजा सुनाई है। इस प्रकरण में शासन की ओर हेमंत गोस्वामी विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की।
प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक गोस्वामी ने बताया कि प्रार्थी ने 10 अगस्त 2019 को थाना फरसगांव में उपस्थित होकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 8 अगस्त को उसकी बहन पीडि़ता शाम करीब 4 बजे घर में अकेली थी। इसी समय आरोपी हीरालाल नेताम उसके घर घुसकर जबरदस्ती किया। उसी समय पीडिता का भाई आ गया, जिसे देखकर आरोपी वहां से भाग गया।
प्रार्थी की लिखित रिपोर्ट के आधार पर आरोपी हीरालाल नेताम के विरूद्ध थाना फरसगांव में धारा 450, 375; सी 376, 354; ख 511 भादवि एवं धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक हेमंत गोस्वामी ने पीडि़ता के नाबालिग होने के संबंध में प्रकरण में दस्तावेज के रूप में अभियोजन द्वारा पीडि़ता के कक्षा पहली की विद्यालयीन दाखिल खारिज रजिस्टर को प्रस्तुत किया गया। पीडि़ता के भाई प्रार्थी के लिखित आवेदन पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
अपर सत्र न्यायाधीश एफटी सी के न्यायाधीश शान्तनु कुमार देालहरे ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त आरोपी हीरालाल नेताम (36) फरसगांव, जिला कोण्डागांव को धारा 450 भादसं् के अतंर्गत 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया है।
अथर्दण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर एक एक वर्ष 3 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेश पारित किया गया है।