राजनांदगांव
थानों में सड़क हादसे और चोरी की गाडिय़ां हो रही कंडम
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 28 फरवरी। जिले के पुलिस थानों में लाखों के लक्जरी कार से लेकर दो पहिया वाहन वर्षों से कबाड़ का रूप लेकर सड़ रहे हैं। अदालती मामलों में फंसी पेंच के चलते न सिर्फ कार और मोटर साइकिल, बल्कि भारी वाहन भी अलग-अलग थानों में कंडम हो गए हैं। अदालती लड़ाई के कारण सालों से सडक़ हादसे, चोरी और हत्याओं समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों में प्रयुक्त वाहन थानों में लगभग सड़ चुके हैं।
पुलिस के सामने ऐसे वाहनों को सम्हालना एक बड़ी चुनौती बन गई है। हाल ही के वर्षों में जिस तरह चोरी, हत्याएं, शराब और गांजा तस्करी के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी के साथ वाहनों की धरपकड़ भी हुई है। जिसके चलते थानों के पीछे लाखों रुपए के वाहन कंडम हो गए हैं। कुछ ऐसे प्रकरणों में आरोपी को दोषमुक्त हुए हैं, लेकिन खस्ता हालत वाहनों को छुड़ाने में रूचि घट गई है।
पुलिस थानों में रखे वाहनों की तादाद देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधों में मोटर साइकिल और कार के अलावा अन्य वाहन का इस्तेमाल किए जाने का चलन बढ़ा है। इस संबंध में एएसपी संजय महादेवा ने 'छत्तीसगढ़Ó को बताया कि कंडम वाहनों की जानकारी लेकर विधिवत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संबंधित थानों से विस्तृत जानकारी मांगी जा रही है।
इस बीच शहरी थानों के अलावा देहात थानों में भी चार और दोपहिया वाहन खराब हालत में सड़ रहे हैं। पुलिस की परेशानी यह है कि बिना अदालत की मंजूरी के वाहनों को नहीं छोड़ा जा सकता। फैसले के बाद ही पुलिस वाहनों को छोड़ सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस को अदालत के समक्ष वाहनों में अपराध करने में प्रयुक्त वाहनों की विस्तृत जानकारी देनी पड़ती है। पुलिस वाहनों के जरिये आरोपियों को सजा दिलाने की कोशिश भी करती है, लेकिन न्यायालीन फैसले की देरी से वाहन पूरी तरह से सडऩे की कगार पर पहुंच जाते हैं। जिलेभर के ज्यादातर थानों में देखरेख के अभाव में वाहन कबाड़ के रूप में तब्दील हो गए हैं।