राजनांदगांव

महाशिवरात्रि पर निकाली शोभायात्रा, विविध आयोजन
02-Mar-2022 2:06 PM
महाशिवरात्रि पर निकाली शोभायात्रा, विविध आयोजन

शिवालयों में भक्तों का तांता, पूजा-अर्चना के बाद भंडारे में उमड़ी भीड़

छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मार्च।
कोरोनाकाल के दो साल बाद महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। शिवालयों में पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने भंडारे में प्रसादी के तौर पर भोजन ग्रहण किया, वहीं गली-मोहल्लों में भी दिनभर धार्मिक आयोजनों का सिलसिला रहा। घरों में महिलाओं ने शिवगाथाओं से जुड़ी कथाएं सुनीं। सामूहिक रूप से कॉलोनी और बस्तियों में प्रवचन और भंडारे का आयोजन किया गया।

मंगलवार को महाकाल सेना ने उज्जैन की तर्ज पर भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर महाकाल की भव्य पगड़ी यात्रा निकाली, वहीं ढीमर समाज ने भी शहर में भगवान शिव की भव्य शोभायात्रा निकाली। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही।
नंदई चौक से निकली उज्जैन की तर्ज पर श्री चंद्रमौलेश्वर महाकाल की भव्य पगड़ी यात्रा में भगवान शिव की भव्य झांकी बनाई गई थी। डीजे-बाजे-गाजे के साथ निकली इस यात्रा में बड़ी संख्या में शिवभक्त शामिल हुए।

महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में सुबह से ही भक्तों द्वारा जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा। बोलबम की गंूज के साथ दिनभर धार्मिक आयोजन भी होते रहे,  वहीं कांवरिये बोल बम की जयघोष करते शिवालयों में पहुंचकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया। कांवरिये बोलबम का जयकारा करते नदी और सरोवरों से जल लेकर मंदिरों का रूख किया और सुबह जलाभिषेक करते पूजा-अर्चना की।

मंगलवार को जिले समेत शहर के मंदिरों में सुबह से ही घंटियों के साथ ही महादेव की जयघोष होते रहे। इसके अलावा मंदिर परिसरों समेत अन्य स्थानों में भक्तिमय माहौल निर्मित रहा। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा व शिवलिंग में जल, दुग्धाभिषेक, बेलपत्ता, धतूरा सहित अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित कर खुशहाली की कामना की।

 इधर, घरों में भी भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर प्रवचन का भी दौर चलता रहा। इसके अलावा जिले के अंचल क्षेत्र में महाशिवरात्रि पर्व पर मंडई मेला का आयोजन भी किया जा रहा है। जिसके लिए ग्रामीणों ने पूर्व से ही तैयारियां शुरू की। इधर मंडई मेला में दुकान लगाने वाले व्यापारियों का भी रेला मंडई में बिक्री के लिए पहुंचने लगे थे।

महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष प्रवचन के आयोजन के साथ-साथ भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर विशेष आराधना कर मनवांछित फल के लिए माथा टेका। शहरभर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। भगवान शिव की आराधना के लिए महिलाओं से लेकर हर तबके ने जल, धतूरे और फूल, दूध का भोग लगाया।

 भगवान शिव की विशेष कृपा हासिल करने के लिए लोगों ने कठिन व्रत रखा, वहीं कुछ महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। पर्व के अवसर पर शहरभर के अलग-अलग क्षेत्रों में भंडारा का भी आयोजन किया गया। दानस्वरूप लोगों ने मंदिरों में रुपए से लेकर अन्य सामानों का दान किया। खुले मन से भक्तों ने मंदिरों के सामने भिक्षुओं को दान भी दिए।

 महिलाओं सहित युवतियों के अलावा पुरूषों ने भी मंदिरों में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा व शिवलिंग पर दूध, बेलपत्ता, धतूरा सहित अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित कर पूजा-अर्चना की। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही, वहीं हर-हर महादेव की जयघोष भक्तों द्वारा लगाए जा रहे थे। शहर के मंदिरों में भक्तिमय गीत से नगर भक्तिमय बना रहा। शहर के प्रमुख मंदिरों में विविध आयोजन का दौर भी जारी रहा। इधर अधिकांश घरों में भी भगवान भोलेनाथ की स्तुति पर कथाएं भी हुर्इं। साथ ही मंदिरों में दिनभर बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए लोगों की कतारें लगी रही।

इस बीच युवतियों ने पर्व के अवसर पर कठिन व्रत रखकर मनोकामना पूर्ण के लिए पूजा-अर्चना की। उपवास के साथ भगवान भोलेनाथ की अलौलिक धार्मिक गाथाओं का पठन भी किया। उधर शिवनाथ नदी में बड़े पैमाने में भक्तों ने डुबकी लगाई। स्नान के बाद मंदिरों में पूजा कर परिवार की खुशहाली की कामना की। इधर महाशिवरात्रि पर्व को लेकर बाजार में बेलपत्री-धतूरे की खासी मांग रही। बाजार में भक्तों ने इसकी खरीददारी के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना कर अर्पित किया।

ऐसी मान्यता है कि बेलपत्री-धतूरे से पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। धार्मिक रूप से इसका बेहद महत्व होता है। लोक गाथाओं में दोनों को भगवान शंकर की पसंद बताया जाता है। बाजार में दोनों की मांग को देखते दाम भी बढ़े रहे। लोगों ने इसके बाद भी दोनों की खरीददारी की। जिले में महाशिवरात्रि पर्व के अवसर में कई प्रमुख स्थानों में मंडई-मेले का आयोजन किया गया। हर साल इस पर्व पर गांवों एवं पर्यटन स्थलों में मेले का आयोजन होता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व को ऐसे आयोजन लिए उपयुक्त माना जाता है। जिले के दूरदराज क्षेत्रों में हुए मेले में लोगों ने आनंद लिया। वहीं पुलिस विभाग की ओर से संबंधित थानों के अधीनस्थ स्थलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे।
 

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